बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बिक्री पेशकश को मिली अच्छी प्रतिक्रिया, सरकार ने जुटाए 2,492 करोड़ रुपये
बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बिक्री पेशकश को मिली अच्छी प्रतिक्रिया, सरकार ने जुटाए 2,492 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बिक्री पेशकश को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस बिक्री पेशकश के तहत सरकार छह प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है जिससे उसे 2,492 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
शेयरों के आवंटन के साथ, पुणे स्थित यह बैंक सेबी के मानदंडों के अनुरूप न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल कर लेगा।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र का ओएफएस बुधवार को अभिदान के लिए बंद हो गया। इसके तहत निर्गम का मूल्य 54 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। सरकार बैंक में अपनी छह प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 2,492 करोड़ रुपये जुटाएगी।
ओएफएस से पहले, बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 79.60 प्रतिशत थी। इस बिक्री के बाद हिस्सेदारी घटकर 73.6 प्रतिशत होने पर, बैंक 25 प्रतिशत के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारितता मानदंड को पूरा कर सकेगा क्योंकि सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से कम हो जाएगी।
निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ओएफएस को दूसरे दिन निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली और यह 1.72 गुना अभिदान के साथ बंद हुआ। इसके साथ ही, बैंक अब न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के अनुरूप हो गया है। हम सभी निवेशकों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद देते हैं।’’
सरकार ने मंगलवार को बैंक में अतिरिक्त एक प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के निर्णय के साथ ‘ग्रीन शू विकल्प’ यानी अतिरिक्त बोली आने पर उसे रखने के विकल्प का प्रयोग करने का निर्णय लिया था।
आधार प्रस्ताव में 38.46 करोड़ शेयर शामिल थे, जो बैंक की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का पांच प्रतिशत है। साथ ही ग्रीन शू विकल्प के तहत अतिरिक्त 7.69 करोड़ शेयर यानी एक प्रतिशत हिस्सेदारी रखी गयी थी। इससे कुल 46.14 करोड़ शेयर बैठते हैं जो छह प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है।
हिस्सेदारी बिक्री बाजार नियामक सेबी द्वारा जारी प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) नियमों के अनुरूप है। सार्वजनिक कंपनियों सहित सभी सूचीबद्ध इकाइयों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता अनिवार्य है।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सीपीएसई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को इसके प्रावधान से अगस्त, 2026 तक छूट दी है।
इसके अलावा, सरकार की चार अन्य चार बैंकों… इंडियन ओवरसीज बैंक (94.6 प्रतिशत), पंजाब एंड सिंध बैंक (93.9 प्रतिशत), यूको बैंक (91 प्रतिशत) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (89.3 प्रतिशत)…में हिस्सेदारी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता सीमा से अधिक है।
भाषा
रमण अजय
अजय

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