बैंकों ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखने की सराहना की

बैंकों ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखने की सराहना की

बैंकों ने आरबीआई की नीतिगत समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखने की सराहना की
Modified Date: October 6, 2023 / 08:59 pm IST
Published Date: October 6, 2023 8:59 pm IST

मुंबई, छह अक्टूबर (भाषा) वरिष्ठ बैंक अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखने को उम्मीद के मुताबिक बताने के साथ ही इसका स्वागत किया है।

इसके साथ ही बैंकरों ने शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक के अन्य नियामक उपाय भी ग्राहकों के हित में हैं और इनसे बाजार में सुधार होगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चेयरमैन दिनेश खारा ने मौद्रिक समीक्षा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आरबीआई की दृढ़ता और वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का पता चलता है और यह अच्छी बात है।

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एसबीआई चेयरमैन के रूप में अगले साल अगस्त तक कार्य विस्तार पाने वाले खारा ने पीआईडीएफ (भुगतान बुनियादी ढांचा विकास निधि (पीआईडीएफ) योजना में विश्वकर्मा योजना (कारीगरों की मदद के लिए) को शामिल करने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे बाजार का आकार बढ़ेगा और छोटे कारीगरों को फायदा होगा।

पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक और इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन ए के गोयल ने कहा कि रेपो दर को लेकर यथास्थिति का रहना उम्मीद के मुताबिक ही है।

आरबीआई ने बैंकों से अपने अतिरिक्त फंड को स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) के तहत रखने के बजाय अंतर-बैंक कॉल मनी मार्केट का इस्तेमाल करने को कहा है। इस पर गोयल ने कहा कि नकदी की कमी वाले बैंकों को इस माध्यम से उधार लेने में मदद मिल सकती है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के जरीन दारूवाला ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर सतर्क है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई के लिए भी तैयार है।

आईडीबीआई बैंक के उप प्रबंध निदेशक सुरेश खटनहार ने कहा कि 10 प्रतिशत वृद्धिशील सीआरआर को वापस लेने से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम


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