नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) डाबर के प्रवर्तक बर्मन परिवार ने नियामक अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करते हुए रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की चेयरपर्सन रश्मी सलूजा के शेयर बेचने पर जांच की मांग की है।
शिकायत के अनुसार सलूजा ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) में अपना हिस्सा उस समय तुरंत बेच दिया, जब बर्मन परिवार ने उन्हें बताया कि वे वित्तीय सेवा कंपनी के लिए एक खुली पेशकश करने का इरादा रखते हैं।
बर्मन परिवार के नियंत्रण वाली संस्थाओं ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और शेयर बाजारों को लिखा है कि सलूजा ने 20 सितंबर को बर्मन के एक प्रतिनिधि से मुलाकात के एक दिन बाद रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी व्यक्तिगत हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच दिया।
डाबर इंडिया के चेयरमैन मोहित बर्मन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि बैठक में सलूजा को बर्मन के इरादों के बारे में बताया गया, जिनके पास आरईएल में 20.15 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। उन्होंने खुले बाजार से वित्तीय सेवा फर्म की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक खुली पेशकश करने की योजना बनाई थी।
आरईएल प्रबंधन ने 25 सितंबर को खुली पेशकश का स्वागत किया, लेकिन बाद में कहा कि 235 रुपये प्रति शेयर की पेशकश कीमत कम है।
बर्मन परिवार के मुखिया मोहित बर्मन ने कहा कि वह रुख में बदलाव से हैरान हैं। उन्होंने कहा, ”हो सकता है कि कुछ लोग नियंत्रण छोड़ना नहीं चाहते हों।”
रेलिगेयर ने इस आरोप से इनकार किया कि सलूजा ने खुली पेशकश के बारे में पता चलने के बाद शेयर बेचे और कहा कि चेयरपर्सन ने लंबी प्रक्रिया के बाद हिस्सेदारी बेची थी।
आरईएल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सलूजा और अन्य 12 कर्मचारियों के अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया कई दिन पहले शुरू की गई थी।
बर्मन परिवार की चार संस्थाओं – एमबी फिनमार्ट, पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी – ने सेबी को एक ईमेल भेजा है। इस ईमेल में आरईएल चेयरपर्सन रश्मी सलूजा के व्यक्तिगत शेयर बेचने में गंभीर खामियों का आरोप लगाया है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)