कैग अपने कार्यालयों में कृत्रिम मेधा मंच ‘भाषिनी’ का करेगा उपयोग

कैग अपने कार्यालयों में कृत्रिम मेधा मंच ‘भाषिनी’ का करेगा उपयोग

कैग अपने कार्यालयों में कृत्रिम मेधा मंच ‘भाषिनी’ का करेगा उपयोग
Modified Date: November 10, 2025 / 07:56 pm IST
Published Date: November 10, 2025 7:56 pm IST

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) अपने 200 से अधिक कार्यालयों में सुगम संचार और रिपोर्ट तैयार करने में कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग का पता लगाने और विचारों या साहित्यिक चोरी की पहचान करने के लिए बहुभाषी अनुवाद एआई मंच ‘भाषिनी’ का उपयोग करेगा।

सरकार का भाषिनी एआई मंच सुरक्षित क्लाउड परिवेश में पाठ, संख्या, आवाज, चित्र और वीडियो का अनुवाद करने की अनुमति देता है।

संचार में आसानी के लिए एक मल्टीमॉडल (पाठ, संख्या, आवाज, चित्र और वीडियो), बहुभाषी अनुवाद एआई मंच भाषिनी के कार्यान्वयन, प्रशासन और प्रबंधन के लिए कैग कार्यालय और डिजिटल इंडिया भाषिनी प्रभाग (डीआईबीडी), डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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बयान में कहा गया है कि एआई मंच को 200 से अधिक कैग कार्यालयों में उपयोग किया जाएगा।

यह रिपोर्ट तैयार करने में एआई के उपयोग का पता लगाने और कार्यालयों में विचारों, साहित्यिक चोरी की पहचान करने के लिए एआई सेवाएं भी शुरू करेगा।

भाषिनी, रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में रिपोर्ट, सर्वेक्षणों और साक्ष्यों के अनुवाद के लिए और कैग के विभिन्न कार्यालयों के लिए भाषिनी ऐप द्वारा तैयार अनुवादित और ट्रांस-मॉडल संचार की जांच के लिए एक कार्यप्रवाह प्रणाली विकसित करेगी।

बयान के अनुसार, ‘‘…भाषिनी मंच पर एक बहुभाषी, बहुविध एआई-सक्षम संचार एप्लिकेशन संचार को आसान बनाएगा और संसदीय समितियों, पात्रता कार्यों के लिए सरकारी कर्मचारियों, शिकायत निवारण, हितधारकों और आवश्यकतानुसार स्थानीय मीडिया के साथ जुड़ने के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा।’’

समझौता ज्ञापन पर कैग की ओर से महानिदेशक (राजभाषा) भवानी शंकर और डिजिटल इंडिया भाषिनी प्रभाग (डीआईबीडी) के सीईओ अमिताभ नाग ने हस्ताक्षर किए।

भाषा रमण अजय

अजय


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