कैट, अन्य संगठनों की ई-कॉमर्स नीति तत्काल लाने की मांग

कैट, अन्य संगठनों की ई-कॉमर्स नीति तत्काल लाने की मांग

कैट, अन्य संगठनों की ई-कॉमर्स नीति तत्काल लाने की मांग
Modified Date: January 4, 2023 / 04:03 pm IST
Published Date: January 4, 2023 4:03 pm IST

नयी, चार जनवरी (भाषा) व्यापारियों के प्रमुख निकाय कनफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और अन्य संगठनों ने बुधवार को ‘दिल्ली घोषणा’ चार्टर जारी किया, जिसमें नयी ई-कॉमर्स नीति तत्काल लाने की मांग की गई।

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने दावा किया कि देश का ई-कॉमर्स क्षेत्र बेलगाम हो गया है और इस क्षेत्र के लिए एक नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए।

खंडेलवाल ने कहा, ‘‘ई-कॉमर्स नीति में अनिवार्य रूप से कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों को अवश्य शामिल किया जाए। इसमें विदेशी या भारतीय ई-पोर्टल पर उससे संबंधित कंपनियां पंजीकृत नहीं होनी चाहिए। ई-पोर्टल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी विक्रेता के भंडारण को नियंत्रित नहीं करेंगे। ई-पोर्टल को अपने पंजीकृत विक्रेताओं के लिए थोक विक्रेता के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए। ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने ब्रांड का माल अपने ही पोर्टल पर बेचने की आजादी नहीं होनी चाहिए।’’

 ⁠

कैट के साथ ही परिवहन, लघु उद्योग, होटल और रेस्तरां, यात्रा, मोबाइल, एफएमसीजी और अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय संगठनों ने दिल्ली में ई-कॉमर्स पर एक सम्मेलन का आयोजन किया।

सम्मेलन में सभी संगठनों ने ‘भारत बचाओ – व्यापार बचाओ मंच’ का गठन किया है, जो देशभर में फैले महासंघों, उद्योग निकायों और अन्य प्रमुख संगठनों से संपर्क कर समर्थन जुटाएगा।

इन संगठनों ने कहा कि ई-कॉमर्स और घरेलू व्यापार के मुद्दे पर व्यापारी अब चुप नहीं बैठेंगे और जब तक सरकारें उनकी मांगे नहीं मानेंगी, तबतक देशभर में एक बड़ा आंदोलन जारी रहेगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


लेखक के बारे में