चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ने कॉरपोरेट कुप्रबंधन के आरोपों को नकारा
चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ने कॉरपोरेट कुप्रबंधन के आरोपों को नकारा
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) मुरुगप्पा समूह की कंपनी चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (सीआईएफसीएल) ने मंगलवार को अपने खिलाफ लगाए गए कॉरपोरेट कुप्रबंधन के आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण और निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया।
‘कोबरापोस्ट’ वेबसाइट ने मुरुगप्पा समूह की कुछ कंपनियों के खिलाफ ये आरोप लगाए हैं। वेबसाइट का दावा है कि उसने सीआईएफसीएल, मुरुगप्पा समूह से जुड़ी कंपनियों, परिवार के सदस्यों और शीर्ष प्रबंधन से जुड़े 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की पहचान की है।
कंपनी ने कोबरापोस्ट के आरोपों पर कहा, “तथ्यों को चुनिंदा तरीके से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उद्योग की प्रचलित प्रक्रियाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है। कंपनी पुष्टि करती है कि उसका संपूर्ण संचालन देश के कानूनों एवं नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाता है।”
कंपनी ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा, “सारे आरोप दुर्भावनापूर्ण एवं निराधार हैं और इन्हें निहित स्वार्थों के तहत लगाया गया है।”
चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ने निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अतीत में दिए गए उसके मार्गदर्शन में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वह निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृत कारोबारी योजना के अनुरूप अपना प्रदर्शन जारी रखेगी।
कंपनी ने कहा कि 30 नवंबर, 2025 तक उसकी शुद्ध संपत्ति 26,783 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 के समापन स्तर से 3,000 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में जारी 300 करोड़ रुपये के अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय डिबेंचरों (सीसीडी) का इक्विटी में रूपांतरण भी शामिल है।
कंपनी के मुताबिक, बाकी 1,700 करोड़ रुपये की सीसीडी का अगले तीन तिमाहियों में रूपांतरण होने की उम्मीद है, जिससे उसकी शुद्ध संपत्ति और बढ़ जाएगी।
कंपनी ने बड़े पैमाने पर नकद जमा को लेकर उठाए गए सवालों पर कहा कि वह मुख्य रूप से छोटे सड़क परिवहन संचालकों और स्वरोजगार से जुड़े गैर-पेशेवर उधारकर्ताओं की जरूरतों को पूरा करती है, जिनकी संख्या 50 लाख से अधिक है और देशभर में 1,700 शाखाओं के माध्यम से जुड़े हैं।
कंपनी के मुताबिक, ऐसे उधारकर्ता नकद में कमाते हैं और अपनी मासिक किस्तें (ईएमआई) भी नकद में जमा करते हैं, जिसे बाद में बैंकों में जमा किया जाता है। इस संग्रह प्रक्रिया और राशि की आंतरिक एवं बाहरी दोनों स्तरों पर जांच होती रही है और यह वैधानिक लेखा परीक्षा के दायरे में आती है।
संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन के बारे में कंपनी ने कहा कि सभी कानूनी एवं लेखा मानकों के अनुरूप इनका पूरा ब्योरा वित्तीय विवरणों में सार्वजनिक किया गया है।
इन लेनदेन से किसी व्यक्ति को अनुचित लाभ पहुंचने से भी कंपनी ने इनकार किया है। उसने कहा कि निदेशक मंडल सदस्यों एवं शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों को किए गए सभी भुगतान कानून के अनुरूप हैं और शेयरधारकों को भी इनकी पूरी जानकारी दी गई है।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
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