स्वीकृत समाधान योजना के प्रारूप में सीओसी नहीं कर सकती बदलावः अपीलीय न्यायाधिकरण
स्वीकृत समाधान योजना के प्रारूप में सीओसी नहीं कर सकती बदलावः अपीलीय न्यायाधिकरण
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कहा है कि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) कोई कर्ज समाधान योजना स्वीकृत होने के बाद असहमति जताने वाले कर्जदाताओं के पैसे का वितरण नहीं बदल सकती है।
यह फैसला रिलायंस कम्युनिकेशंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आरसीआईएल) की दिवाला प्रक्रिया से जुड़ी अपील पर आया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने सीओसी के निर्णय को चुनौती दी थी।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने स्पष्ट किया कि समाधान योजना से सहमत सीओसी के सदस्य स्वीकृत हो चुकी योजना में कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं।
एनसीएलटी ने जियो की अनुषंगी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (आरपीपीएमएसएल) की बोली को मंजूरी दी थी। सीओसी ने पांच अगस्त, 2021 को समाधान योजना को 67.97 प्रतिशत मत के साथ मंजूरी दी थी।
इसे मंजूरी देने वाले कर्जदाताओं में बैंक ऑफ बड़ौदा भी शामिल था। लेकिन आईडीबीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और कुछ अन्य ने इस पर एतराज जताया था।
योजना मंजूर होने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने रिलायंस भूटान से जुड़े कर्ज की राशि के पुनर्वितरण की मांग उठाई। सीओसी ने अक्टूबर 2023 में इस पर दोबारा फैसला किया, लेकिन आईडीबीआई और एसबीआई ने इसका विरोध किया।
एनसीएलटी और फिर एनसीएलएटी ने स्पष्ट किया कि मंजूर समाधान योजना में तय वितरण व्यवस्था बदली नहीं जा सकती है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने बैंक ऑफ बड़ौदा की अपील खारिज करते हुए कहा कि असहमति जताने वाले ऋणदाताओं को भी योजना में तय भुगतान पूरा मिलेगा। सीओसी उनके वित्तीय भुगतान का प्रारूप बदलने की हकदार नहीं है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

Facebook



