मत्स्यपालन क्षेत्र में जलवायु संकट से निपटने के लिए सहयोगात्मक वैश्विक कार्रवाई जरूरी : रूपाला
मत्स्यपालन क्षेत्र में जलवायु संकट से निपटने के लिए सहयोगात्मक वैश्विक कार्रवाई जरूरी : रूपाला
नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में जलवायु संकट से निपटने के लिए सहयोगात्मक वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है।
रूपाला ने मंगलवार को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में आयोजित तीन दिन के वैश्विक सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में सामान्य जिम्मेदारियों और सामान्य हितों के आधार पर सभी अंशधारकों के लिए समावेशी स्थान का भी आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र निकाय एफएओ और केंद्रीय मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘जलवायु परिवर्तन को अंतरराष्ट्रीय मत्स्य संचालन में मुख्यधारा में लाने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में मत्स्य प्रबंधन उपायों को मजबूत करने’’ के विषय पर सम्मेलन आयोजित किया गया था।
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने हिंद महासागर और प्रशांत महासागर द्वारा साझा किए गए सामान्य अवसरों और आम चुनौतियों के लिए रणनीतिक अंतर्संबंध का भी आग्रह किया और चुनौतियों, खतरों का सामना करने और समस्याओं को एक साथ हल करने की जिम्मेदारी निभाने को कहा ताकि इस क्षेत्र को सभी के लिए एक उपयुक्त निवास स्थान बनाया जा सके।’’
उन्होंने कहा कि सम्मेलन के नतीजे से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मछुआरा समुदायों को प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने और प्रभाव, यदि कोई हो, को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मत्स्य पालन क्षेत्र में पिछले नौ साल में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए रूपाला ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में 127 करोड़ रुपये का बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क (एकीकृत एक्वापार्क) स्थापित कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2015 से तटीय राज्यों में मछली पकड़ने के बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों की 107 परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।’’
मत्स्य पालन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदान देता है क्योंकि पिछले नौ वर्षों में समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में निर्यात 63,969 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन सचिव अभिलक्ष लिखी और संयुक्त सचिव नीतू प्रसाद भी मौजूद थीं।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय

Facebook



