समय के साथ कानूनों में बदलाव नहीं होने से ‘खत्म’ हो गया था सहकारिता आंदोलन : शाह

समय के साथ कानूनों में बदलाव नहीं होने से ‘खत्म’ हो गया था सहकारिता आंदोलन : शाह

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Modified Date: April 13, 2025 / 04:33 PM IST
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Published Date: April 13, 2025 4:33 pm IST

भोपाल, 13 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सहकारी आंदोलन देश में करीब-करीब खत्म हो गया था क्योंकि कानूनों में समय के साथ बदलाव नहीं किया गया।

शाह ने भोपाल में राज्यस्तरीय सहकारी सम्मेलन में कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारी क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि इन संभावनाओं का पूरा दोहन करने के लिए बहुत काम किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘सहकारी आंदोलन अस्त-व्यस्त रहे क्योंकि पहले कानूनों में समय के अनुरूप बदलाव नहीं किए गए। लेकिन आजादी के 75 साल बाद सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जिसने अब जोर पकड़ लिया है।’’

शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पिछली केंद्र सरकारों द्वारा कोई विचार नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह यह थी कि सहकारिता के क्षेत्र के लिए देश में कोई मंत्रालय नहीं था। आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में इस आंदोलन ने गति पकड़ी जबकि कुछ जगहों पर यह पूरी तरह से नष्ट हो गया है। इसकी मुख्य वजह यह थी कि जो कानून समय के साथ बदलने चाहिए थे, वे नहीं हुए।’’

इससे पूर्व राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ के साथ प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। सहकारिता सम्मेलन में शाह की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

भाषा ब्रजेन्द्र नोमान अजय

अजय

 

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