भारत जैसे देशों को सतत वृद्धि के लिए विश्वसनीय आंकड़ों पर आधारित नीतियों की जरूरत: विश्व बैंक

भारत जैसे देशों को सतत वृद्धि के लिए विश्वसनीय आंकड़ों पर आधारित नीतियों की जरूरत: विश्व बैंक

भारत जैसे देशों को सतत वृद्धि के लिए विश्वसनीय आंकड़ों पर आधारित नीतियों की जरूरत: विश्व बैंक
Modified Date: October 19, 2023 / 09:33 pm IST
Published Date: October 19, 2023 9:33 pm IST

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत जैसे मध्यम आय वाले देशों को अगले तीन-चार दशक में उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए विश्वसनीय आंकड़ों के आधार पर नीतियां बनाने की जरूरत है क्योंकि आने वाले समय में सतत वृद्धि हासिल करना और कठिन हो जाएगा।

यहां एक कार्यक्रम में गिल ने कहा कि उच्च आय वाले देशों में शामिल होने के लिए एमसीआई (मध्यम आय वाले देशों) को अपनी मध्यम आकार की कंपनियों में घाटे को कम करना होगा।

उन्होंने कहा, “(आगे चलकर) भारत जैसे मध्यम आय वाले देशों के लिए आर्थिक वृद्धि कठिन हो जाएगी, आसान नहीं… यदि आप (भारत जैसे मध्यम आय वाले देश) अगले तीन-चार दशकों में उच्च आय वाले देश में शामिल होना चाहते हैं तो आपको विश्वसनीय जानकारी के आधार पर नीतियां बनानी होंगी।”

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गिल ने बताया कि 1990 और 2021 के बीच अपेक्षाकृत कुछ देश (31) उच्च आय वाले देशों में विकसित हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

विश्व बैंक के अनुसार, मध्यम-आय वाले देश (एमआईसी) आकार, जनसंख्या और आय स्तर के आधार पर एक विविध समूह हैं।

भाषा अनुराग अजय

अजय


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