मुंबई, 19 सितंबर (भाषा) देश का चालू खाते का घाटा (कैड) जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत या 28.4 अरब डॉलर रह सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है।
यह 36 तिमाहियों का उच्चस्तर होगा। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 0.9 प्रतिशत अधिशेष का था।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, मार्च, 2022 की तिमाही में घाटा 1.5 प्रतिशत या 13.4 अरब डॉलर था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाते का अधिशेष 6.6 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 0.9 प्रतिशत था।
इस तरह समीक्षाधीन अवधि में चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही के बाद से 36 तिमाहियों के उच्चस्तर पर होगा। 2013-14 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा 4.7 प्रतिशत था।
इंडिया रेटिंग्स ने सोमवार को एक टिप्पणी में कहा कि स्थिर कीमतों पर चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही के बाद से 38 तिमाहियों के उच्चस्तर पर होगा।
टिप्पणी में बताया गया कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में वस्तुओं का निर्यात 121.2 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड उच्चस्तर पर था, लेकिन निर्यात धीमा होने के चलते दूसरी तिमाही में इसमें कमी होने का अनुमान है। इस अवधि में निर्यात 1.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 104.2 अरब डॉलर रह सकता है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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