मुंबई, 13 मार्च (भाषा) चालू खाते का घाटा (कैड) मौजूदा वित्त वर्ष में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.80 प्रतिशत रहने की संभावना है। बीते वित्त वर्ष में यह दो प्रतिशत था।
एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में इसके 1.3 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर रहने की संभावना है।
स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि कैड चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 0.80 प्रतिशत यानी 27 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। पूर्व में इसके 1.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।
अगले वित्त वर्ष में कैड के 1.3 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में कैड जीडीपी का दो प्रतिशत यानी 67 अरब डॉलर था।
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता-जैन ने कहा है कि जिंस खासकर तेल और कोयले के आयात में कमी से वस्तु व्यापार घाटा कम होने, शुद्ध सेवा प्राप्ति बढ़कर 4.7 प्रतिशत होने, धन प्रेषण बढ़कर जीडीपी के 3.5 प्रतिशत होने तथा वृहत आर्थिक स्थिरता से चालू खाते का घाटा कम हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 में कैड मामूली रूप से बढ़कर जीडीपी का 1.3 प्रतिशत यानी 49 अरब डॉलर और 2025-26 में 1.8 प्रतिशत यानी 78 अरब डॉलर हो जाएगा।
भाषा अनुराग रमण
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