राष्ट्रीय स्थिरता के लिए बड़े जोखिम पैदा कर सकते हैं साइबर हमले : अमिताभ कांत

राष्ट्रीय स्थिरता के लिए बड़े जोखिम पैदा कर सकते हैं साइबर हमले : अमिताभ कांत

राष्ट्रीय स्थिरता के लिए बड़े जोखिम पैदा कर सकते हैं साइबर हमले : अमिताभ कांत
Modified Date: April 15, 2025 / 06:42 pm IST
Published Date: April 15, 2025 6:42 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) देश के स्मार्ट मीटर और डिजिटल ग्रिड की ओर बढ़ने के साथ ही साइबर हमले राष्ट्रीय स्थिरता और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बड़े जोखिम पैदा कर सकते हैं।

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने मंगलवार को यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि 2024 में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्रों में साइबर हमलों में भारी उछाल देखा गया और भारत में डेटा या किसी के ब्योरे में सेंध की औसत लागत लगभग 28 लाख अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

उन्होंने कहा कि पिछले साल, भारतीय व्यवसायों को प्रति सप्ताह 3,000 से अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़ा।

कांत ने राष्ट्रीय राजधानी में साइबर सुरक्षा समाधान कंपनी लिसिएंथस टेक के एक अध्ययन को जारी करते हुए कहा कि भारत ने सरकार प्रायोजित साइबर हमलों में बहुत तेज उछाल देखा है और 2021-24 के बीच ऐसी घटनाओं में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि जैसे-जैसे भारत स्मार्ट मीटर और अधिक डिजिटल पावर ग्रिड की ओर बढ़ रहा है, साइबर हमलों का जोखिम भी गहराता जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में, हमने बिजली इकाइयों, स्वास्थ्य सेवा आंकड़ों और उपग्रह संचार प्रणालियों पर भी हमले देखे हैं।’’

कांत ने कहा कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के साथ ही साइबर हमलों के खतरे से निपटने के लिए रक्षा, निजी उद्योग और नागरिक समाज जैसे विभिन्न क्षेत्रों के बीच समन्वय की आवश्यकता है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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