यूपीएस के तहत विकल्प चुनने की समयसीमा सितंबर तक बढ़ाई गई

यूपीएस के तहत विकल्प चुनने की समयसीमा सितंबर तक बढ़ाई गई

यूपीएस के तहत विकल्प चुनने की समयसीमा सितंबर तक बढ़ाई गई
Modified Date: June 23, 2025 / 07:49 pm IST
Published Date: June 23, 2025 7:49 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ‘एकीकृत पेंशन योजना’ (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों के विकल्प चुनने की समयसीमा को तीन महीने आगे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया।

अभी तक मौजूदा सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और मृतक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनसाथी सहित पात्र कर्मचारियों को यूपीएस के तहत 30 जून, 2025 तक अपना विकल्प चुनना था।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि विभिन्न हितधारकों से यह समयसीमा आगे बढ़ाने का अनुरोध मिला था। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र ने यूपीएस के लिए विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को तीन महीने बढ़ाकर सितंबर, 2025 करने का फैसला किया है।

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यूपीएस केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो ‘राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली’ (एनपीएस) के दायरे में आते हैं और एक जनवरी, 2004 को लागू हुए एनपीएस के तहत इस विकल्प को चुनते हैं।

सरकार के 23 लाख कर्मचारी यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने के लिए विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जनवरी, 2004 में समाप्त हो गई ‘पुरानी पेंशन योजना’ (ओपीएस) के तहत सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था।

यूपीएस के संचालन की प्रभावी तिथि एक अप्रैल, 2025 होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस को मंजूरी दी थी।

ओपीएस के उलट यूपीएस प्रकृति में अंशदायी है जिसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर मिलने वाले बाजार प्रतिफल पर निर्भर करता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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