सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल में गिरावट; सोयाबीन तिलहन में सुधार
सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल में गिरावट; सोयाबीन तिलहन में सुधार
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) लिवाली कमजोर रहने के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल जैसे देशी तेल-तिलहन के दाम में गिरावट रही वहीं सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की स्थानीय मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन के दाम मामूली सुधार के साथ बंद हुए। सामान्य एवं सुस्त कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, पाम-पामोलीन जैसे आयातित तेल स्थिर बने रहे।
मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में मामूली घट-बढ़ जारी है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों के दाम ऊंचा बने हुए हैं इसलिए इसकी लिवाली कमजोर है जो सरसों तेल-तिलहन में गिरावट का मुख्य कारण है। किसान, सरकार और स्टॉकिस्टों के पास सरसों का स्टॉक बचा हुआ है और आगामी फसल भी बाजार में आने की तैयारी में है। सुकून की बात यह है कि सरसों का दाम एमएसपी से अधिक चल रहा है जिससे किसानों को कुछ राहत है।
उन्होंने कहा कि बाजार में आवक बढ़ने के बीच बिनौला तेल में भी गिरावट है। इसके असर से बाजार धारणा प्रभावित होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन में भी मामूली गिरावट देखी गई। मूंगफली के दाम एमएसपी से लगभग 15-18 प्रतिशत नीचे चल रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि मुंबई में सोयाबीन डीओसी की मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार देखने को मिला। वैसे सोयाबीन का हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 15-16 प्रतिशत नीचे है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में तिलहनों का वायदा कारोबार बंद होने के बाद से सोयाबीन और सरसों का उत्पादन बढ़ा है। केवल बिनौलातेल खली का वायदा कारोबार चालू रहने के कारण सटोरियों ने सिंडिकेट बनाकर वायदा कारोबार का इस्तेमाल कपास नरमा के भाव (लगभग 20 प्रतिशत तक नीचे चलाकर) तोड़कर किसानों की उपज हड़पने के लिए करते रहे। इसके साथ ही मिलावटी बिनौला खल के कारोबार बढ़ने की वजह से केवल बिनौला सीड का उत्पादन में गिरावट देखी गई है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को तिलहनों के वायदा कारोबार पर रोक को स्थायी रूप से लागू कर देना चाहिये और सटोरियों को खाद्य वस्तुओं के कारोबार से बिल्कुल अलग-थलग कर देना चाहिये जो विभिन्न संस्थाओं के जरिये वायदा कारोबार खोलने की मांग समय समय पर करते दीखते हैं।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,960-7,010 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,300-6,675 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,415-2,715 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,425 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,420-2,520 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,420-2,565 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,250 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,050 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,700-4,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,400-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण

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