गो फर्स्ट के विमान आपूर्तिकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली राहत

गो फर्स्ट के विमान आपूर्तिकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली राहत

गो फर्स्ट के विमान आपूर्तिकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली राहत
Modified Date: July 5, 2023 / 04:37 pm IST
Published Date: July 5, 2023 4:37 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट के विमान आपूर्तिकर्ताओं को महीने में कम-से-कम दो बार अपने विमानों का मुआयना करने के साथ रखरखाव की भी मंजूरी दे दी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि एयरलाइन को पट्टे पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों का यह दावा वाजिब है कि उनके विमान मूल्यवान होने के साथ जटिल उपकरणों से लैस हैं लिहाजा उनका रखरखाव उनकी निगरानी में ही किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू ने गो फर्स्ट और उसके अंतरिम समाधान पेशेवर को विमानों के किसी भी कलपुर्जे को हटाने, बदलने या बाहर निकालने से भी रोक दिया। ऐसा केवल तभी किया जा सकता है जब उस विमान की मालिक कंपनी की पूर्व-अनुमति ली गई हो।

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न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश गो फर्स्ट को विमानों की आपूर्ति करने वाली कई कंपनियों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया है। इन विमान आपूर्तिकर्ताओं ने नियामक डीजीसीए से अपने विमानों को गैर-पंजीकृत कराने की भी अर्जी लगाई हुई है।

इस संदर्भ में न्यायालय ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से कहा कि आपूर्तिकर्ता कंपनियों, उनके कर्मचारियों एवं एजेंटों को हवाई अड्डों पर खड़े विमानों तक जाने की मंजूरी दी जाए ताकि तीन दिन के भीतर उनका मुआयना किया जा सके।

गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए गत तीन मई से ही विमानों का परिचालन बंद किया हुआ है। इस बीच मामला राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में भी गया जिसने दिवाला कार्यवाही चलाने की मंजूरी देते हुए समाधान पेशेवर भी नियुक्त कर दिया है।

इस दौरान एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने अपने विमानों को हटाने का नोटिस भेज दिया। एयरलाइन विमान लौटाने से इनकार करते हुए कह चुकी है कि ऐसा करना 7,000 कर्मचारियों वाली एयरलाइन कंपनी को खत्म करने की तरह होगा।

इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख तय की गई है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


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