Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाले की कॉर्डिनेटर थी सौम्या चौरसिया, पॉलीटिकल एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे कवासी लखमा और चैतन्य बघेल, ED ने बयान जारी किए और भी बड़े खुलासे

पॉलीटिकल एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे कवासी लखमा और चैतन्य बघेल, Chhattisgarh liquor scam: Kawasi Lakhma and Chaitanya Baghel worked as political executives

Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाले की कॉर्डिनेटर थी सौम्या चौरसिया, पॉलीटिकल एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे कवासी लखमा और चैतन्य बघेल, ED ने बयान जारी किए और भी बड़े खुलासे
Modified Date: December 30, 2025 / 09:44 pm IST
Published Date: December 30, 2025 9:36 pm IST

रायपुर Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है। ईडी ने घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और चैतन्य बघेल की भूमिका को ‘पॉलिटिकल एग्जीक्यूटिव’ के रूप में बताया है। ईडी ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ रह चुकी सौम्या चौरसिया पूरे शराब घोटाले की मुख्य को-ऑर्डिनेटर थीं। उनके जरिए प्रशासनिक, राजनीतिक और कारोबारी स्तर पर नेटवर्क संचालित किया गया।

2883 करोड़ रुपये का बताया गया घोटाला

Chhattisgarh Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक राज्य में शराब नीति के माध्यम से कुल 2883 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। इस मामले में अब तक 382.82 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है। ईडी की कार्रवाई के तहत रायपुर स्थित होटल वेलिंगटन कोर्ट समेत ढेबर परिवार और बघेल परिवार से जुड़ी 1000 से अधिक संपत्तियों को अटैच किया गया है। इसमें जमीन, भवन, होटल, फ्लैट और अन्य व्यावसायिक परिसंपत्तियां शामिल हैं।

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जांच जारी और खुलासों के संकेत

ईडी ने संकेत दिए हैं कि शराब घोटाले की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। एजेंसी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर ईडी के इस आधिकारिक बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, वहीं शराब घोटाले को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी और तीखे होने की संभावना जताई जा रही है।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।