‘विकसित राजस्थान’ दस्तावेज में राज्य को 4,300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
‘विकसित राजस्थान’ दस्तावेज में राज्य को 4,300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
जयपुर, 23 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने अपना ‘विकसित राजस्थान@2047’ दृष्टिकोण पत्र जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के अनुसार तैयार यह दस्तावेज राजस्थान का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार इस दस्तावेज (विजन डॉक्यूमेंट) का लक्ष्य राज्य को चार स्तंभों – कृषि, उद्योग, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा – पर आधारित 4,300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। उनके इस लक्ष्य में अपना योगदान देने की दिशा में मुख्यमंत्री शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार विकसित राजस्थान@2047 के संकल्प को लेकर काम कर रही है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विकसित राजस्थान@2047 विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है।
इसके अनुसार युवा, महिला, किसान और गरीब को केन्द्र में रखते हुए यह दस्तावेज विकसित भारत@2047 की आकांक्षाओं के अनुरूप राजस्थान का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करेगा। राज्य मंत्रिमंडल की अगस्त महीने में हुई बैठक में इस दस्तावेज का अनुमोदन भी कर दिया गया है।
इस दस्तावेज में कृषि, उद्योग, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रमुख आधार बनाते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2047 तक 4,300 अरब डॉलर का बनाने की परिकल्पना की गई है। इस योजना के मुताबिक, प्रदेश में विकसित देशों की तर्ज पर सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही, शत-प्रतिशत साक्षरता, सुलभ स्वास्थ्य, सतत जल प्रबंधन, स्मार्ट शहरीकरण, पर्यावरण संरक्षण एवं युवा व महिला सशक्तीकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जा रहा है।
इसके तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2047 के दूरगामी लक्ष्य को हासिल करने के लिए चरणबद्ध रूप से विकास की रूपरेखा बनाई है। इसके लिए वर्ष 2030, 2035 और 2040 के मध्यावधि लक्ष्य भी तय किए गए हैं। इस प्रकार विभिन्न चरणों में आकार लेते हुए राज्य के विकास की तस्वीर पूर्ण होगी। विकास के इस दस्तावेज को प्रमुख रूप से चार थीम और 13 क्षेत्रों में बांटा गया है।
इसमें तय लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है। कार्ययोजना का वित्तीय आवश्यकताओं के अनुसार हर वर्ष आकलन किया जाएगा और सतत निगरानी एवं मूल्यांकन कर रूपरेखा तैयार की जाएगी। इससे हर विभाग की तय लक्ष्य के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित होगी और विकास कार्य निर्बाध रूप से पूरे हो सकेंगे।
भाषा पृथ्वी राजकुमार अजय
अजय

Facebook



