डिजिटलीकरण का मतलब अविनियमन नहीं : सीईए नागेश्वरन

डिजिटलीकरण का मतलब अविनियमन नहीं : सीईए नागेश्वरन

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Modified Date: February 11, 2025 / 12:18 PM IST
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Published Date: February 11, 2025 12:18 pm IST

मुंबई, 11 फरवरी (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि अविनियमन को लेकर प्रशासन में एक ‘‘गलत धारणा’’ है, जिसमें डिजिटलीकरण को अविनियमन बता भ्रमित किया जा रहा है।

वैकल्पिक निवेश उद्योग के लॉबी समूह आईवीसीए द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में नागेश्वरन ने इस बात पर जोर दिया कि यह जरूरी है कि अनावश्यक नियमों को खत्म किया जाए, चाहे उनका अनुपालन ‘ऑनलाइन’ हो या ‘ऑफलाइन’।

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘ यह गलत धारणा है कि जब देश भर में कोई सरकारी विभाग किसी चीज को डिजिटल मंच पर डालता है, तो वे सोचते हैं कि यह अविनियमन है। वास्तव में यह अविनियमन नहीं है, केवल ऐसा है कि आपने इसे ‘ऑफलाइन’ के बजाय ‘ऑनलाइन’ कर दिया है।’’

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की हाल ही में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा में सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) की वृद्धि में सहायता के लिए विनियमन को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।

उन्होंने ने कहा, ‘‘ डिजिटलीकरण से तात्पर्य विनियमन को समाप्त करना नहीं है।’’

सीईए ने कहा कि कोई भी देश जिसने ‘विकसित’ होने का दर्जा हासिल कर लिया है, उसे छोटे व्यवसायों की ओर ध्यान देना होगा तथा विनियमन जैसी चुनौतियों से निपटना होगा जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि ऐसे उद्यम अनुपालन पर अपना समय बर्बाद न करें।

शिक्षाविद से नीति निर्माता बने नागेश्वरन ने कहा कि भारत को आगे बढ़ने के लिए घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वैश्वीकरण से अब अतीत की तरह लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि भारत अपनी मुद्रास्फीति को पिछले कुछ वर्षों के 4-5 प्रतिशत से घटाकर 3-4 प्रतिशत के स्तर पर ला सके तो इससे रुपये में गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।

नागेश्वरन ने बताया कि दीर्घावधि में हम देख सकते हैं कि रुपये में प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत की दर से गिरावट आई है, जो भारत तथा अमेरिका के बीच मुद्रास्फीति दर के बीच का अंतर है।

उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में लंबी अवधि तक हर वर्ष 6.5-7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की क्षमता है, जो इसे इस स्तर की वृद्धि करने वाली कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाता है। इसके अलावा, देश में जनसांख्यिकीय अनुकूलता भी होगी जो अगले 15-20 वर्षों तक बनी रहेगी और वृद्धि में मदद करेगी।

भाषा निहारिका

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