एफटीए के तहत ब्रिटेन को शुल्क छूट की पेशकश ‘काफी छोटी’ : अधिकारी

एफटीए के तहत ब्रिटेन को शुल्क छूट की पेशकश ‘काफी छोटी’ : अधिकारी

एफटीए के तहत ब्रिटेन को शुल्क छूट की पेशकश ‘काफी छोटी’ : अधिकारी
Modified Date: May 25, 2025 / 01:02 pm IST
Published Date: May 25, 2025 1:02 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत वाहन क्षेत्र के लिए भारत की शुल्क रियायत की पेशकश ‘बहुत छोटी’ है। एक अधिकारी ने यह बात कही है।

अधिकारी ने कहा कि वाहन क्षेत्र के लिए यह छूट और कोटा इंजन की क्षमता और वाहन की कीमत पर निर्भर करता है।

अधिकारी ने कहा कि भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन के साथ समझौते में पर्याप्त रक्षोपाय किए हैं। ‘‘वाहन क्षेत्र में आयात शुल्क में 10 से 15 साल की अवधि में कमी आएगी।’’

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अधिकारी ने कहा, ‘‘शुल्क कटौती और कोटा इंजन क्षमता और वाहन की कीमत पर निर्भर करता है। ब्रिटेन के लिए भारत की पेशकश बहुत छोटी है।’’

भारत और ब्रिटेन ने छह मई को व्यापार समझौते के लिए बातचीत के समापन की घोषणा की है। यह व्यापार करार 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत को व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात सुगम बनाएगा। इससे कुल व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को मौजूदा के 60 अरब डॉलर से दोगुना करने का है।

दोनों पक्षों के कोटा के तहत वाहन आयात पर शुल्क की दर 100 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत रह जाएगी। इससे टाटा-जेएलआर जैसी कंपनियों को लाभ होगा।

टाटा मोटर्स समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) पी बी बालाजी ने पहले कहा था कि यह समझौता भारत में जेएलआर के प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि इससे भविष्य की कारों को लाभ होगा और ग्राहकों को वैश्विक कारों और वैश्विक कीमतों तक बहुत तेजी से पहुंचने में मदद मिलेगी।

दूसरी ओर, मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू ने एफटीए को एक सकारात्मक घटनाक्रम बताया है।

भाषा अजय अजय

अजय


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