एथनॉल उद्योग ने सरकार से ‘फ्लेक्स-फ्यूल’ वाहनों पर कर कटौती का आग्रह किया

एथनॉल उद्योग ने सरकार से 'फ्लेक्स-फ्यूल' वाहनों पर कर कटौती का आग्रह किया

एथनॉल उद्योग ने सरकार से ‘फ्लेक्स-फ्यूल’ वाहनों पर कर कटौती का आग्रह किया
Modified Date: October 14, 2025 / 05:43 pm IST
Published Date: October 14, 2025 5:43 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) देश के चीनी और जैव ईंधन उद्योग निकायों ने मंगलवार को सरकार से मौजूदा ई-20 मिश्रण लक्ष्य से आगे एक राष्ट्रीय एथनॉल गतिशीलता मसौदा बनाने का आग्रह किया।

उद्योग निकाय ने साथ ही देश में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘फ्लेक्स-फ्यूल’ वाहनों पर कर कम करने की अपील भी की।

भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) और भारतीय हरित ऊर्जा महासंघ (आईएफजीई) ने फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों (एफएफवी) और स्मार्ट हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने के साथ ही फेम योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दिए जाने वाले उपभोक्ता प्रोत्साहनों के समान राहत की मांग की।

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इस्मा ने एक बयान में कहा कि यह अपील भारत के अपने ई-20 एथनॉल मिश्रण लक्ष्य (पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने) को निर्धारित समय से पांच साल पहले हासिल करने के बाद की गई है।

इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा, ‘‘भारत के चीनी क्षेत्र ने चुनौती का सामना किया है और तय समय से पहले अपने एथनॉल उत्पादन के वादे को पूरा किया है।’’ उन्होंने कहा कि उद्योग का मानना ​​है कि इस एथनॉल क्रांति को बनाए रखना अब नीतिगत निरंतरता पर निर्भर करता है।

बल्लानी ने कहा कि एथनॉल उद्योग ने तेल विपणन कंपनियों की 10.50 अरब लीटर की आवश्यकता के मुकाबले 17.76 अरब लीटर की पेशकश की है, जो 27 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का समर्थन करने की तत्परता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि ई-20 से आगे की स्पष्ट रूपरेखा के बिना, उत्पादन क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाएगा, जिससे निवेश बेकार रहेगा और मिलों का राजस्व कम होगा।

इस्मा ने कहा कि चीनी उद्योग ने 900 करोड़ लीटर प्रति वर्ष से अधिक एथनॉल उत्पादन क्षमता बनाने के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

उद्योग ने पिछले तीन वर्षों में बी-हैवी शीरे और गन्ने के रस से बने एथनॉल खरीद की स्थिर कीमतों से वित्तीय दबाव का भी संकेत दिया।

आईएफजीई के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी ने कहा कि भारत को ई-20 से आगे स्पष्ट लक्ष्यों के साथ एक राष्ट्रीय एथनॉल गतिशीलता मसौदा 2030 घोषित करना चाहिए।

निकायों ने कहा कि एफएफवी और स्मार्ट हाइब्रिड वाहनों पर वर्तमान 43 प्रतिशत जीएसटी, इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की दर की तुलना में बहुत अधिक है।

भाषा राजेश राजेश अजय पाण्डेय

पाण्डेय


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