फ्रैंकफर्ट, 30 जनवरी (एपी) पिछले साल की दिसंबर तिमाही में भी यूरोप की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने में नाकाम रही है। इसके साथ ही यूरोपीय देशों में वृद्धि दर में एक साल से अधिक समय से ठहराव की स्थिति बनी हुई है।
अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तिमाही में यूरोप की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर शून्य रही है जबकि उससे पहले की तिमाही में भी इसकी दर सिर्फ 0.1 प्रतिशत ही थी।
यूरोपीय संघ की सांख्यिकी इकाई यूरोस्टैट ने मंगलवार को तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी।
ईंधन के बढ़े हुए दाम, कर्ज महंगा होने और यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था जर्मनी में सुस्ती होने से ऐसे हालात बने हैं।
यूरो मुद्रा का इस्तेमाल करने वाले 20 देशों में जुलाई, 2022 के बाद से ही आर्थिक वृद्धि दर बहुत सुस्त रही है। जुलाई-सितंबर, 2022 की तिमाही में यूरोप की अर्थव्यवस्था 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
विश्लेषकों का कहना है कि वर्ष 2024 में भी यूरोप के लिए हालात बेहतर होने की संभावना कम ही दिख रही है। जनवरी में लाल सागर से होने वाले समुद्री व्यापार के आतंकी हमलों से प्रभावित होने का असर भी यूरोपीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
हालांकि, यूरोपीय देशों में बेरोजगारी के निचले स्तर पर होना थोड़ी राहत लेकर आ सकता है। वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही यूरोपीय अर्थव्यवस्था लगातार मुश्किलों से घिरी हुई है।
एपी प्रेम
प्रेम अजय
अजय
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