वित्तीय समावेशन केवल बैंकिंग पहुंच नहीं, सशक्तिकरण का माध्यम: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

वित्तीय समावेशन केवल बैंकिंग पहुंच नहीं, सशक्तिकरण का माध्यम: आरबीआई डिप्टी गवर्नर

वित्तीय समावेशन केवल बैंकिंग पहुंच नहीं, सशक्तिकरण का माध्यम: आरबीआई डिप्टी गवर्नर
Modified Date: August 9, 2025 / 06:50 pm IST
Published Date: August 9, 2025 6:50 pm IST

चेन्नई, नौ अगस्त (भाषा) भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी-गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरामन ने शनिवार को कहा कि ‘री-केवाईसी’ शिविर जैसी वित्तीय समावेशन की पहल केवल बैंकिंग पहुंच बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये ग्राहकों को वित्तीय साक्षरता के माध्यम से सशक्त बनाती हैं।

तिरुवल्लूर ज़िले में इंडियन बैंक (मुख्यालय चेन्नई) द्वारा आयोजित वित्तीय समावेशन कार्यक्रम में जानकीरामन ने ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर लोगों को बैंक शाखा में जाए बिना ही अपना री-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) पूरा करने में मदद करते हैं।

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इंडियन बैंक की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ”वित्तीय समावेशन का मतलब केवल बैंकिंग तक पहुंच प्रदान करना नहीं है, बल्कि वित्तीय साक्षरता के माध्यम से लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान करने में सक्षम बनाना भी है।”

भाषा योगेश पाण्डेय

पाण्डेय


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