राजकोषीय घाटे में कमी से भारत की साख में कोई खास बदलाव नहीं: फिच

राजकोषीय घाटे में कमी से भारत की साख में कोई खास बदलाव नहीं: फिच

राजकोषीय घाटे में कमी से भारत की साख में कोई खास बदलाव नहीं: फिच
Modified Date: February 2, 2024 / 04:13 pm IST
Published Date: February 2, 2024 4:13 pm IST

नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि राजकोषीय घाटे में तेज गति से कमी के बावजूद भारत की साख में खास बदलाव नहीं आया है।

रेटिंग एजेंसी ने हालांकि कहा कि घाटा कम करने पर सरकार के जोर से मध्यम अवधि में ऋण-जीडीपी अनुपात को स्थिर करने में मदद मिलेगी।

फिच रेटिंग्स के निदेशक (सॉवरेन रेटिंग) जेरेमी जूक ने बजट के बाद टिप्पणी में कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत का सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात मोटे तौर पर 80 प्रतिशत से ऊपर स्थिर रहेगा।

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यह अनुमान घाटे में क्रमिक रूप से कमी के साथ ही चालू कीमतों पर करीब 10.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि पर आधारित है।

संसद में बृहस्पतिवार पेश किए गए अंतरिम बजट 2024-25 में सरकार ने चालू वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 5.9 प्रतिशत के बजटीय अनुमान से घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया।

सरकार का लक्ष्य है कि राजकोषीय घाटा 2024-25 में कम होकर 5.1 प्रतिशत और 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत हो जाएगा।

फिच ने कहा कि अंतरिम बजट चुनावी वर्ष के बावजूद क्रमिक राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर बने रहने की सरकार की दृढ़ इच्छा को दर्शाता है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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