म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्ति बीते वित्त वर्ष 5.6 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर पर: आरबीआई

म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्ति बीते वित्त वर्ष 5.6 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर पर: आरबीआई

म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्ति बीते वित्त वर्ष 5.6 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर पर: आरबीआई
Modified Date: August 18, 2025 / 07:37 pm IST
Published Date: August 18, 2025 7:37 pm IST

मुंबई, 18 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्ति 5.6 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर रही।

केंद्रीय बैंक के म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्तियों और देनदारियों के वार्षिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में, भारतीय म्यूचुअल फंड के पास 8.81 अरब डॉलर से अधिक की विदेशी संपत्ति थी।

आरबीआई ने कहा, ‘‘विदेशी शेयर प्रतिभूतियों में कमी के कारण, म्यूचुअल फंड की विदेशी संपत्ति मार्च, 2025 में 5.6 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब अमेरिकी डॉलर रही।’’

 ⁠

अमेरिका में 44,500 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य पर म्यूचुअल फंड के विदेशों में रखी गई इक्विटी प्रतिभूतियों में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई। आयरलैंड और ताइवान में भी इसमें गिरावट आई है।

आरबीआई ने कहा कि म्यूचुअल फंड का 95 प्रतिशत से अधिक विदेशी शेयर निवेश अमेरिका, लक्जमबर्ग और आयरलैंड में है।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन-रूस और इजराइल तनाव के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई। जबकि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार नीतियों को देखने के नए तरीके ने भी निवेशकों में कुछ घबराहट पैदा की।

म्यूचुअल फंड की इक्विटी योजनाओं में निवेश वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 25 प्रतिशत बढ़कर 29.45 लाख करोड़ रुपये रहा। यह घरेलू बाजारों में निवेशकों के बीच मजबूत रुख को दर्शाता है।

आरबीआई सर्वेक्षण के अनुसार, गैर-निवासियों को जारी यूनिट में वृद्धि के कारण, वित्त वर्ष 24-25 में म्यूचुअल फंड की विदेशी देनदारियां बाजार मूल्य पर 19.9 प्रतिशत बढ़कर 30.5 अरब डॉलर पहुंच गईं।

यूएई के लोग 52,549 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारतीय म्यूचुअल फंड योजनाओं में सबसे बड़े यूनिटधारक थे। जबकि ऑस्ट्रेलिया में घरेलू म्यूचुअल फंड की देनदारियों में 40 प्रतिशत से अधिक की सबसे ज्यादा वृद्धि हुई।

आरबीआई ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर के प्रवासियों के पास अंकित मूल्य और बाजार मूल्य दोनों के लिहाज से म्यूचुअल फंड इकाइयों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।

भाषा रमण अजय

अजय


लेखक के बारे में