प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष पर्यटन तक, भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप लंबी छलांग लगाने को तैयार

प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष पर्यटन तक, भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप लंबी छलांग लगाने को तैयार

प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष पर्यटन तक, भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप लंबी छलांग लगाने को तैयार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: November 18, 2022 6:49 pm IST

(सागर कुलकर्णी)

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से स्काईरूट एयरोस्पेस के पहले रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप प्रक्षेपण यान से लेकर पर्यटन तक लंबी छलांग लगाने को तैयार है।

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स्काईरूट द्वारा 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल करके पिछले दो वर्षो में बनाया गया विक्रम-एस रॉकेट 89.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया। चेन्नई स्थित अग्निकुल कॉसमॉस अगले महीने एक सबऑर्बिटल उड़ान में अपने अग्निबाण-1 का परीक्षण करने को तैयार है।

अग्निकुल के सह-संस्थापक श्रीनाथ रविचंद्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”हमारी योजना इस साल में ही पहले अग्निबाण को प्रक्षेपित करने की है।”

स्काईरूट और अग्निकुल पेलोड को कक्षा में प्रक्षेपित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि स्पेस ऑरा एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और एस्ट्रोबोर्न स्पेस एंड डिफेंस टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां क्रमश: अंतरिक्ष पर्यटन और क्रू मॉड्यूल तथा स्पेस सूट के विकास की योजना बनी हैं।

एस्ट्रोबोर्न स्पेस एंड डिफेंस टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और सीईओ अक्षत मोहिते ने कहा, ‘हम जल्द ही भारत की पहली निजी अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।’

इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने कहा, ”नए स्टार्टअप द्वारा पहले प्रक्षेपण ने दुनिया भर में भारतीय निजी अंतरिक्ष कंपनियों की विश्वसनीयता को बढ़ाया है। यह क्षेत्र जिस क्षमता का दावा कर रहा है, उसे अंतरिक्ष में प्रदर्शित किया गया।”

भट्ट ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था बढ़कर 13 अरब डॉलर हो जाएगी और अंतरिक्ष प्रक्षेपण खंड के 2025 तक तेजी से बढ़ने का अनुमान है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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