नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) सार्वजनिक खरीद पोर्टल ‘जीईएम’ को सरकारी मंत्रालयों और विभागों द्वारा विक्रेताओं को देरी से भुगतान करने पर दंडात्मक ब्याज लगाने में सक्षम बनाने का प्रावधान इस महीने के अंत से पूरी तरह से लागू हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
वर्ष 2020 में सरकार ने ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) मंच पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को भुगतान में देरी के लिए सरकारी विभागों और एजेंसियों पर एक प्रतिशत जुर्माना लगाने का फैसला किया था।
जीईएम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पी के सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कार्यप्रणालियां विकसित कर ली गई हैं… लगभग तीन सप्ताह में यह पूरी तरह लागू हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि गैर-सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) भुगतान के लिए यह पोर्टल ब्याज का आकलन कर रहा है लेकिन पीएफएमएस मामलों के लिए काम अंतिम चरण में है।
व्यय विभाग द्वारा प्रशासित पीएफएमएस भुगतान कार्रवाई, निगरानी, लेखांकन, समाधान और रिपोर्टिंग के लिए एक संपूर्ण समाधान है।
सिंह ने कहा, ‘‘जहां भी स्पष्ट उल्लंघन होगा दंडात्मक ब्याज वसूला जाएगा…लेकिन भुगतान में देरी के वास्तविक मामलों में हम उदार हैं।’
यह प्रावधान विभागों को भुगतान करने में समय न लेने के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए वाणिज्य मंत्रालय द्वारा नौ अगस्त, 2016 को सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल शुरू किया गया था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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