फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरें बढ़ानें के संकेतों से वैश्विक बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 581 अंक टूटा |

फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरें बढ़ानें के संकेतों से वैश्विक बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 581 अंक टूटा

फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरें बढ़ानें के संकेतों से वैश्विक बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 581 अंक टूटा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : January 27, 2022/6:24 pm IST

मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 581 अंक लुढ़क गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मार्च से नीतिगत दर को सख्त किये जाने के संकेतों के बीच बाजार में गिरावट रही।

कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट और विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से भी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 581.21 अंक यानी एक प्रतिशत लुढ़ककर 57,276.94 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 167.80 अंक यानी 0.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,110.15 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक का शेयर 4.17 प्रतिशत लुढ़ककर सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टेक महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज, विप्रो, टीसीएस, टाइटन और इन्फोसिस के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, एसबीआई, मारुति, कोटक बैंक, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। इनमें 2.81 प्रतिशत की तेजी रही।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये ब्याज दर बढ़ाने के संकेत दिये।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक के चेयरमैन जेरोम पावेल ने कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये मार्च में ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है और वृहत स्तर पर जारी बांड खरीद कार्यक्रम को समाप्त किया जा सकता है।

निवेशकों के बीच इस बात की आशंका है कि नीतिगत दर में वृद्धि के बाद भारत जैसे उभरते देशों से विदेशी पूंजी निकासी बढ़ेगी।

एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व ने प्रमुख नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया लेकिन आक्रमक रुख अपनाने के बयान से वैश्विक बजारों में गिरावट आयी जिसका प्रतिकूल असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजारों से लगातार मुनाफावसूली कर रहे हैं। कुछ शेयरों में तेजी रही। पीएसयू बैंक सूचकांक दोपहर के कारोबार में पांच प्रतिशत मजबूत हुए। वाहन शेयरों के समर्थन से बाजार में अच्छा सुधार आया। आईटी और दवा शेयरों में मुनाफावसूली देखी गयी, जबकि तिमाही परिणाम के बीच कपड़ा शेयरों की मांग रही।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि वैश्विक बाजारों में अधिक उतार-चढ़ाव से घरेलू बाजार में गिरावट रही।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक का परिणाम आ चुका है, हम उम्मीद करते हैं कि बाजार में अब कुछ स्थिरता आएगी। हालांकि, कंपनियों के तिमाही परिणाम और आगामी बजट से बाजार पर कुछ असर देखने को मिल सकता है।’’

मिश्रा ने कहा, ‘‘बैंक शेयरों में हाल की तेजी निश्चित रूप से उत्साहजनक है लेकिन अच्छी तेजी के लिये अन्य क्षेत्रों के समर्थन की जरूरत है…।’’

एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख था।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.16 प्रतिशत गिरकर 89.82 डॉलर प्रति बैरल रहा।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 31 पैसे टूटकर 75.09 पर आ गयी।

शेयर बाजार में आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 7,094.48 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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