सरकार ने विपणन सत्र 2026 के लिए कोपरा का एमएसपी 445 रुपये बढ़ाया
सरकार ने विपणन सत्र 2026 के लिए कोपरा का एमएसपी 445 रुपये बढ़ाया
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नारियल उत्पादकों की आय बढ़ाने के मकसद से शुक्रवार को विपणन सत्र 2026 के लिए मिलिंग कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 445 रुपये बढ़ाकर 12,027 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इस विपणन सत्र के लिए बॉल कोपरा का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 12,500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया।
इन प्रस्तावों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मंजूरी दी। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
वैष्णव ने कहा कि एमएसपी वृद्धि का उद्देश्य नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों को बेहतर दाम सुनिश्चित करना और कोपरा उत्पादन को बढ़ावा देना है।
मिलिंग और बॉल कोपरा दोनों के लिए एमएसपी का निर्धारण ‘उचित एवं औसत गुणवत्ता’ के आधार पर कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर किया गया है।
वैष्णव ने कहा कि एमएसपी पर किसानों से उपज खरीदने वाला नैफेड और उपभोक्ता सहकारी समितियों का केंद्रीय संगठन एनसीसीएफ मूल्य समर्थन योजना के तहत कोपरा खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के रूप में काम करते रहेंगे। इससे किसानों को बाजार में कीमत गिरने की स्थिति में भी आश्वासन मिलेगा।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, बढ़ा हुआ एमएसपी किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
वर्ष 2014 के बाद से सरकार ने कोपरा के लिए एमएसपी को लगातार बढ़ाया है। मिलिंग कोपरा का एमएसपी 2014 में प्रति क्विंटल 5,250 रुपये था, जो 2026 के लिए बढ़कर 12,027 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है जो 129 प्रतिशत अधिक है।
वहीं, बॉल कोपरा का एमएसपी इस दौरान 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 12,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो 127 प्रतिशत की वृद्धि है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों के लिए एमएसपी औसत उत्पादन लागत का न्यूनतम 1.5 गुना तय किया जाएगा, ताकि किसानों को उचित लाभ मिल सके।
भारत में कोपरा की विपणन अवधि आमतौर पर जनवरी से अप्रैल तक रहती है। इस दौरान कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल उत्पादन में अहम योगदान देते हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

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