सरकार ने कच्चे पाम, सोयाबीन, सूरजमुखी तेल से मूल सीमा शुल्क समाप्त किया, कृषि उपकर में भी कटौती

सरकार ने कच्चे पाम, सोयाबीन, सूरजमुखी तेल से मूल सीमा शुल्क समाप्त किया, कृषि उपकर में भी कटौती

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  • Publish Date - October 13, 2021 / 04:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च, 2022 तक के लिए कृषि उपकर में कटौती की। इसके अलावा इनपर कृषि उपकर में भी कटौती की गई है। यह एक ऐसा कदम है जो त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने में मदद करेगा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी।

कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर पांच प्रतिशत होगी।

इस कटौती के बाद पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर प्रभावी सीमा शुल्क क्रमशः 8.25 प्रतिशत, 5.5 प्रतिशत और 5.5 प्रतिशत होगा।

इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय