सरकार का जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र की हिस्सेदारी तीन गुना करने का लक्ष्य: शाह
सरकार का जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र की हिस्सेदारी तीन गुना करने का लक्ष्य: शाह
(तस्वीरों के साथ)
गांधीनगर, पांच दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अपनी ‘निश्चित रणनीति’ के तहत सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में देश की जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र के योगदान को तीन गुना करना और 50 करोड़ से ज़्यादा सक्रिय सहकारी सदस्य बनाना है।
शाह ने गांधीनगर के ‘महात्मा मंदिर’ सम्मेलन केंद्र में आयोजित ‘अर्थ समिट’ को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने वर्ष 2030 तक वैश्विक जैविक बाजार में भारत का हिस्सा 20 प्रतिशत और वर्ष 2035 तक 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि सरकार पूरे देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करना चाहती है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद ग्रामीण विकास, खेती, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र को देश के आर्थिक प्रणाली और पूरे विकास के ज़रूरी हिस्सों के तौर पर पहचाना गया।
शाह ने कहा, ‘‘पूरी तरह से विकसित भारत के दृष्टिकोण में हर नागरिक की भलाई शामिल है, और उस लक्ष्य को पाने के लिए सहकारिता, खेती, पशुपालन और ग्रामीण विकास क्षेत्र पर ध्यान देना ज़रूरी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक निश्चित रणनीति के तहत, हमने तय किया है कि कुछ ही साल में हम हर पंचायत में एक सहकारिता संस्था बनाएंगे। हम 50 करोड़ से ज़्यादा सक्रिय सहकारी सदस्य बनाएंगे और देश की जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र के योगदान को तीन गुना करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि गुजरात में बनास डेयरी ने डेयरी सेक्टर में संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था का एक मॉडल बनाया है और वह मॉडल अब पूरे देश में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है।
शाह ने कहा कि अब सहकारिता मंत्रालय देश में गन्ना क्षेत्र के लिए भी ऐसा ही मॉडल तैयार करने पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में करीब 49 लाख किसान पहले ही प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और किसानों के लिए इसमें बहुत संभावनाएं है।
शाह ने कहा, ‘‘भारत ऑर्गेनिक्स और अमूल के समर्थन से हम अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से किसानों की ज़मीन और उपज के जैविक परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं की एक शृंखला बना रहे हैं। गेहूं और चावल जैसे करीब 40 जैविक उत्पाद पहले से ही ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2030 तक भारत का वैश्विक जैविक बाजार में 20 प्रतिशत से ज़्यादा और वर्ष 2035 तक 40 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा होगा। इस मकसद के लिए हमने दो बहु-राज्य सहकारिता बनाए हैं। उनमें से एक किसानों से जैविक उत्पाद खरीदेगी, जबकि दूसरी उन्हें बेचेगी। पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा किया जाएगा।’’
सहकारी टैक्सी सेवा का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि करीब 51,000 ड्राइवर पहले ही इसके लिए अपना पंजीकरण कर चुके हैं। शाह ने कहा, ‘‘हमारे टैक्सी ड्राइवरों को उनकी पूरी कमाई उनके बैंक खाते में मिलेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में यह टैक्सी सेवा सहकारिता पर चलने वाली देश की सबसे बड़ी टैक्सी कंपनी बन जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक सहकारिता बीमा सेवा भी ला रहे हैं। चाहे वह स्वास्थ्य बीमा हो, जीवन बीमा हो, खेती हो, या दुर्घटना बीमा हो, सभी तरह का बीमा सहकारिता आधार पर होगा। और हर गांव में तीन युवा सहकारिता बीमा के लिए ‘एंबेसडर’ के तौर पर काम करेंगे। हम पूरे देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करना चाहते हैं।’’
भाषा राजेश राजेश प्रेम
प्रेम

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