सरकार ने दिवाला कानून में संशोधन किया, एमएसएमई के लिए पूर्व-निर्धारित समाधान प्रक्रिया पेश

सरकार ने दिवाला कानून में संशोधन किया, एमएसएमई के लिए पूर्व-निर्धारित समाधान प्रक्रिया पेश

सरकार ने दिवाला कानून में संशोधन किया, एमएसएमई के लिए पूर्व-निर्धारित समाधान प्रक्रिया पेश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: April 5, 2021 7:18 am IST

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) सरकार ने दिवाला कानून में संशोधन किया है। इसके तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए पूर्व-निर्धारित (प्री-पैकेज्ड) समाधान प्रक्रिया का प्रस्ताव किया गया है।

एक अधिसूचना के अनुसार, दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए चार अप्रैल को एक अध्यादेश जारी किया गया है।

करीब दो सप्ताह पहले ही आईबीसी के कुछ प्रावधानों का स्थगन समाप्त हुआ है। कारोनो वायरस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों में आई अड़चनों के मद्देनजर आईबीसी के कुछ प्रावधानों को स्थगित कर दिया गया था। इसके तहत 25 मार्च, 2020 से एक साल के लिए आईबीसी के तहत कोई नया मामला शुरू करने की रोक थी।

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अध्यादेश के अनुसार एमएसएमई के कारोबार की विशिष्ट प्रकृति और उनके सुगम कॉरपोरेट ढांचे की वजह से एमएसएमई से संबंधित दिवाला मामलों के निपटान के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करने की जरूरत महसूस की जा रही थी।

ऐसे में एमएसएमई के लिए एक दक्ष और वैकल्पिक दिवाला समाधान प्रक्रिया की जरूरत थी। इससे सभी अंशधारकों के लिए एक तेज, लागत दक्ष और अधिकतम मूल्य को सुनिश्चित करने वाला समाधान किया जा सकेगा। अध्यादेश में कहा गया है कि इसी के मद्देनजर एमएसएमई के लिए एक प्री-पैकेज्ड समाधान प्रक्रिया पेश की गई है।

जे सागर एसोसिएट्स के भागीदार सौमित्र मजूमदार ने कहा कि आईबीसी संशोधन अध्यादेश-2021 से सही और व्यावहारिक मामलों के लिए एक प्री-पैकेज्ड मार्ग उपलब्ध कराया गया है। इससे कारोबार में कम से कम बाधा आएगी।

भाषा अजय अजय

अजय


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