सरकार बजट में एमएसएमई के लिए 45-दिन में भुगतान के नियम में दे सकती है ढील

सरकार बजट में एमएसएमई के लिए 45-दिन में भुगतान के नियम में दे सकती है ढील

सरकार बजट में एमएसएमई के लिए 45-दिन में भुगतान के नियम में दे सकती है ढील
Modified Date: July 9, 2024 / 06:05 pm IST
Published Date: July 9, 2024 6:05 pm IST

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) सरकार बड़ी कंपनियों को अन्य स्रोतों की ओर देखने से रोकने के लिए वस्तुओं व सेवाओं की खरीद के 45 दिन के भीतर एमएसएमई को भुगतान करने की आवश्यकता में ढील दे सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश कर सकती हैं। इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि बजट पूर्व विचार-विमर्श के दौरान सूक्ष्म, लघु व मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) में बदलाव के संबंध में दिए गए सुझावों पर सरकार विचार कर रही है।

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सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में देश में एमएसएमई के समक्ष विलंबित भुगतान की चुनौती के समाधान के लिए आयकर अधिनियम की धारा 43बी के अंतर्गत एक नया खंड जोड़ा था।

वित्त अधिनियम 2023 के जरिये जारी आयकर अधिनियम की धारा 43बी(एच) के अनुसार, यदि कोई बड़ी कंपनी किसी एमएसएमई को समय पर (लिखित समझौतों के मामले में 45 दिन के भीतर) भुगतान नहीं करती है तो वह उस व्यय को अपनी कर योग्य आय से नहीं घटा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से कर अधिक हो सकता है।

एमएसएमई को डर है कि इस प्रावधान के कारण बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को नजरअंदाज कर सकते हैं और या तो उन एमएसएमई (जो उद्यम के साथ पंजीकृत नहीं हैं) या गैर-एमएसएमई से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।

इससे पहले मई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एमएसएमई द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के अनुसार, नियम में यदि कोई बदलाव होगा तो वह नई सरकार के तहत जुलाई में पूर्ण बजट में किया जाएगा।

एमएसएमई क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

भाषा निहारिका अजय

अजय


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