खरीफ सत्र के लिए यूरिया और डीएपी का ऊंचा शुरुआती भंडार सुनिश्चित करेगी सरकार

खरीफ सत्र के लिए यूरिया और डीएपी का ऊंचा शुरुआती भंडार सुनिश्चित करेगी सरकार

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  • Publish Date - February 9, 2022 / 08:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) सरकार ने आगामी खरीफ सत्र में किसानों को उर्वरकों की समुचित एवं समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यूरिया और डीएपी का उम्मीद से ज्यादा शुरुआती भंडार रखने का लक्ष्य रखा है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को कहा कि खरीफ फसलों के लिए सरकार ने उर्वरक उपलब्धता को लेकर अग्रिम तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार से उर्वरक एवं अन्य कच्चा माल जुटाने से यूरिया और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) का उम्मीद से ज्यादा शुरुआती भंडार रखने में मदद मिलेगी।

देश में खरीफ फसलों की बुवाई मॉनसूनी बारिश शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाती है। हालांकि, इन फसलों के लिए उर्वरक एवं अन्य पौष्टिक तत्वों की जरूरत अप्रैल एवं सितंबर के बीच ही पड़ती है।

अधिकारी ने कहा कि खरीफ सत्र 2022 में डीएपी का शुरुआती भंडार 25 लाख टन रहने का अनुमान है जो खरीफ सत्र 2021 के 14.5 लाख टन रहा था। यूरिया के मामले में शुरुआती भंडार 60 लाख टन रहने की उम्मीद है जो पिछले साल 50 लाख टन रहा था।

अधिकारी ने कहा कि भारत यूरिया एवं अन्य मृदा संवर्धक तत्वों की आपूर्ति सुधारने के लिए कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है और इसके लिए दीर्घकालिक आपूर्ति समझौतों की संभावना टटोल रहा है।

अधिकारी के मुताबिक, कोविड-19 महामारी और चीन की तरफ से लगाई पाबंदियों की वजह से उर्वरकों की आपूर्ति पर असर पड़ा है जिसने इसके दाम बढ़ा दिए हैं। इस स्थिति में भारत पहले से ही अपनी तैयारियों में लगा हुआ है। भारत अपनी जरूरत का 45 प्रतिशत डीएपी और कुछ यूरिया का आयात चीन से करता है।

यूरिया को छोड़कर डीएपी और अन्य फॉस्फेट उर्वरकों की कीमतें निजी कंपनियां तय करती हैं। कच्चे माल की वैश्विक कीमतें बढ़ने से घरेलू स्तर पर भी डीएपी के दाम बढ़े हैं।

भाषा प्रेम अजय

अजय