सरकार निर्बाधन बिजली आपूर्ति के लिए घाटे वाले डिस्कॉम पर देगी खास ध्यान: अधिकारी

सरकार निर्बाधन बिजली आपूर्ति के लिए घाटे वाले डिस्कॉम पर देगी खास ध्यान: अधिकारी

सरकार निर्बाधन बिजली आपूर्ति के लिए घाटे वाले डिस्कॉम पर देगी खास ध्यान: अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: January 21, 2021 3:28 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) बिजली मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आशीष उपाध्याय ने कहा कि सरकार सभी के लिए बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली वितरण इकाइयों या डिस्कॉम पर खासतौर से ध्यान देगी, जिनमें से ज्यादातर राज्यों के द्वारा संचालित हैं और नकदी संकट का सामना कर रही हैं।

डिस्कॉम समय पर बिजली उत्पादक इकाइयों (जेनकॉस) को भुगतान नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते बिजली क्षेत्र तनाव से जूझ रहा है।

उपाध्याय ने इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा आयोजित एक वेबगोष्ठी में कहा कि अगले तीन-चार वर्षों के दौरान सरकार का सबसे अधिक ध्यान वितरण क्षेत्र पर होगा।

 ⁠

डिस्कॉम को लगातार हो रहे घाटे के बारे में उन्होंने कहा कि बिजली की वास्तविक आपूर्ति और उपभोक्ताओं से वसूली गई लागत के बीच अंतर है।

बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार डिस्कॉम का कुल बकाया नवंबर 2020 तक 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।

सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए पिछले साल 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी सहायता देने की घोषणा की थी। इसे बढ कर 1.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे पहले नवंबर 2015 में लागू उदय योजना में डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति तीन साल में सुधारने का लक्ष्य था।

उपाध्यायन ने कहा कि राज्यों ने लागत आधारित दरें तय करने के लिए बिजली-दर समितियों का गठन नहीं किया जबकि बिजली उत्पादन का खर्च लगतार बढ रहा है। उन्होंने कहा कि पारेषण और वितरण की हानि दूर कर के ही राज्यों के बिजली क्षेत्र में चमक आएगी।

इसी वेब-सम्मेलन में गुजरात के बिजली मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि राज्य सरकारों में इच्छा शक्ति हो तो बिजली क्षेत्र में बदलाव लाए जा सकते हैं।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


लेखक के बारे में