जीएसटी अधिकारियों ने अवैध तंबाकू व्यापार में 104 करोड़ रुपये की कर चोरी का किया पर्दाफाश

जीएसटी अधिकारियों ने अवैध तंबाकू व्यापार में 104 करोड़ रुपये की कर चोरी का किया पर्दाफाश

जीएसटी अधिकारियों ने अवैध तंबाकू व्यापार में 104 करोड़ रुपये की कर चोरी का किया पर्दाफाश
Modified Date: August 27, 2025 / 02:25 pm IST
Published Date: August 27, 2025 2:25 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) जीएसटी अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 104.38 करोड़ रुपये की कर चोरी से जुड़े सिगरेट एवं पान मसाला समेत अवैध तंबाकू उत्पादों के 61 मामलों का पता लगाया है।

माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) और अन्य प्राधिकारियों ने पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून की अवधि के दौरान इन मामलों का पता लगाया है।

इसके अलावा, सीमा शुल्क क्षेत्रीय कार्यालयों और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने चालू वित्त वर्ष में जून, 2025 तक लगभग 3.93 करोड़ सिगरेट जब्त की हैं।

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सोना, तंबाकू और शराब जैसी उच्च-मुनाफे वाली वस्तुओं पर भारी कर लगाया जाता है जिससे कई बार उनकी तस्करी व कर चोरी बढ़ जाती है। इनका उच्च मूल्य और निरंतर मांग इनके अवैध व्यापार का मुख्य कारण है, जिससे अकसर धन शोधन के मामले उत्पन्न होते हैं।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व चेयरमैन और फिक्की कैस्केड के सलाहकार पी. सी. झा ने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार डीआरआई, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 600 करोड़ रुपये से अधिक की तस्करी की गई सिगरेट की जब्ती किए जाने का अनुमान है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सिगरेट पर कर की उच्च दर को देखते हुए, इससे होने वाली राजस्व हानि बहुत अधिक है। उच्च कर दरें कर चोरी को बढ़ावा देती हैं और इसे रोकने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों पर भारी बोझ डालती हैं। सरकार अब जब जीएसटी को सरल बनाने की तैयारी कर रही है तो यह उच्च-मुनाफे वाले उत्पादों पर करों को कम करने, तस्करी को बढ़ावा देने वाले कारकों को कम करने और अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने का एक सुनहरा अवसर है।’’

कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने तंबाकू और संबंधित उत्पादों के विनिर्माताओं के लिए एक विशेष व्यवस्था शुरू की है, जिसके अंतर्गत पान मसाला, विभिन्न प्रकार के तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों सहित कुछ श्रेणियों के सामान शामिल हैं। इसके तहत विनिर्माताओं को निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर विनिर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी देने की आवश्यकता होगी।

केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम को वित्त अधिनियम-2025 द्वारा संशोधित किया गया है, जो सरकार को निर्दिष्ट वस्तुओं के लिए एक व्यापक ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ तंत्र स्थापित करने का अधिकार देता है।

इसके अलावा, ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इस व्यवस्था के उल्लंघन के लिए विशेष रूप से दंड का प्रावधान किया गया है।

भाषा निहारिका अजय

अजय


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