निर्यातकों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना के दिशानिर्देश अगले सप्ताह आएंगेः डीजीएफटी

निर्यातकों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना के दिशानिर्देश अगले सप्ताह आएंगेः डीजीएफटी

निर्यातकों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना के दिशानिर्देश अगले सप्ताह आएंगेः डीजीएफटी
Modified Date: November 25, 2025 / 09:43 pm IST
Published Date: November 25, 2025 9:43 pm IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) सरकार हाल ही में स्वीकृत 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात प्रोत्साहन मिशन (ईपीएम) के प्रमुख घटक ‘ब्याज समानीकरण योजना’ और ‘बाजार पहुंच पहल’ के बारे में अगले सप्ताह विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) अजय भादू ने व्यापार बोर्ड की यहां हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘ब्याज समानीकरण योजना’ और ‘बाजार पहुंच पहल’ से जुड़े विवरण अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईपीएम के बाकी सभी घटकों के दिशानिर्देश 15 जनवरी तक जारी कर दिए जाएंगे।

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वर्ष 2019 में पुनर्गठित व्यापार बोर्ड, विदेश व्यापार नीति से जुड़े कदमों पर सलाह देने वाला सर्वोच्च निकाय है।

ब्याज समानीकरण योजना के तहत सरकार निर्यातकों को निर्यात भेजने के पहले और भेजने के बाद बैंक ऋण पर ब्याज सब्सिडी देती है, ताकि उनकी वित्तपोषण लागत कम हो सके।

वहीं बाजार पहुंच पहल (एमएआई) के तहत निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुंच बढ़ाने या मौजूदा बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सहायता दी जाएगी।

केंद्र सरकार ने 12 नवंबर को निर्यात प्रोत्साहन मिशन को 2025-26 से शुरू होने वाले छह वित्त वर्षों के लिए मंजूरी दी थी। इस मिशन की दो उप-योजनाएं- निर्यात प्रोत्साहन (10,401 करोड़ रुपये) और निर्यात दिशा (14,659 करोड़ रुपये) हैं।

सरकार का कहना है कि वैश्विक शुल्क बढ़ोतरी से प्रभावित क्षेत्रों- वस्त्र, चमड़ा, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पाद को प्राथमिकता से मदद दी जाएगी। इन क्षेत्रों की अमेरिकी बाजार में स्थिति कमजोर हुई है।

अमेरिकी सरकार ने भारतीय उत्पादों के आयात पर 27 अगस्त से 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस वजह से अक्टूबर में अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात 8.58 प्रतिशत घटकर 6.3 अरब डॉलर रह गया।

उच्च शुल्क के कारण अक्टूबर में भारत का कुल वस्तु निर्यात 11.8 प्रतिशत घटकर 34.38 अरब डॉलर रहा, जबकि स्वर्ण आयात बढ़ने से व्यापार घाटा रिकॉर्ड 41.68 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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