राजमार्ग निर्माण प्रतिदिन 37 किमी के आंकड़ों को छुआ: गडकरी

राजमार्ग निर्माण प्रतिदिन 37 किमी के आंकड़ों को छुआ: गडकरी

राजमार्ग निर्माण प्रतिदिन 37 किमी के आंकड़ों को छुआ: गडकरी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: April 2, 2021 11:53 am IST

नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में राजमार्ग निर्माण की गति ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 37 किमी प्रति दिन का रिकॉर्ड स्तर को छू लिया है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न बाधाओं के बावजूद यह उपलब्धि हासिल करना उल्लेखनीय है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्तवर्ष 2020-21 में 13,394 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया है।

 ⁠

गडकरी ने कहा, ‘‘देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में काफी प्रगति हुई है। हमने एक दिन में 37 किलोमीटर लंबे राजमार्ग निर्माण की गति हासिल की है।’’

गडकरी ने कहा कि ये उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं और दुनिया के किसी भी अन्य देश में इसकी कोई समानता नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में, राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,287 किलोमीटर (अप्रैल 2014 के अनुसार) से 50 प्रतिशत बढ़कर 1,37,625 किलोमीटर (20 मार्च, 2021 को) हुई है।

मंत्री ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2019-20 (31 मार्च को) की तुलना में वित्तवर्ष 2020-21 के अंत तक चालू परियोजना कार्यों की संचयी लागत में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’

वित्तवर्ष 2015 में कुल 33,414 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय की तुलना में वित्तवर्ष 2022 के लिए बजटीय परिव्यय 5.5 गुना बढ़कर 1,83,101 करोड़ रुपये हो गया है।

मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने राजमार्ग मंत्रालय का कार्यभार संभाला, तो 406 रुकी हुई परियोजनाएं थीं, जिसमें 3.85 लाख करोड़ रुपये का निवेश अपेक्षित था।

उन्होंने कहा कि विभिन्न उपायों के कारण भारतीय बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से बचाने में मदद मिली।

गडकरी ने गतिरोधों को हल करने और 40,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को समाप्त करने सहित राजमार्ग निर्माण की गति में तेजी लाने के लिए बड़े पैमाने पर पहल की, जिसके परिणामस्वरूप सड़क निर्माण का काम तेजी से हुआ।

सरकार महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत से 34,800 किलोमीटर राजमार्ग बनाने की परिकल्पना करती है।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर


लेखक के बारे में