हिंदुस्तान जिंक ने ब्रांड शुल्क पर अमेरिकी कंपनी वायसराय के आरोपों को खारिज किया

हिंदुस्तान जिंक ने ब्रांड शुल्क पर अमेरिकी कंपनी वायसराय के आरोपों को खारिज किया

हिंदुस्तान जिंक ने ब्रांड शुल्क पर अमेरिकी कंपनी वायसराय के आरोपों को खारिज किया
Modified Date: July 18, 2025 / 07:38 pm IST
Published Date: July 18, 2025 7:38 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) ने शुक्रवार को अमेरिकी शोध कंपनी वायसराय के इस आरोप को खारिज किया कि वेदांता ने सरकार के साथ ब्रांड शुल्क समझौते का उल्लंघन किया है।

एचजेडएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण मिश्रा ने कहा कि बोर्ड ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है।

 ⁠

वायसराय रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि वेदांता ने एचजेडएल से ब्रांड शुल्क वसूलने के संबंध में सरकार के साथ अपने समझौते का उल्लंघन किया है।

मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हम उचित परामर्श और कानूनी जांच के बाद ही मामलों को निदेशक मंडल के सामने रखते हैं। हम बोर्ड की बैठक से पहले भारत सरकार और नामित निदेशक के साथ (प्रस्तावों को) साझा करते हैं। उनके पास (प्रस्तावों को) देखने के लिए पर्याप्त समय होता है।”

उन्होंने कहा कि किसी प्रस्ताव को स्वीकार करना या अस्वीकृत करना बोर्ड का काम है। ब्रांड शुल्क को मंजूरी देते समय उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था।

सरकार के पास हिंदुस्तान जिंक में 27.92 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि वेदांता के पास 61.84 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

वाइसराय रिसर्च ने पिछले कुछ दिनों में वेदांता और उसकी सहायक कंपनियों के खिलाफ कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। वेदांता ने अक्टूबर 2022 में हिंदुस्तान जिंक पर ‘ब्रांड शुल्क’ लगाया था।

वायसराय ने कहा कि ऐसा करके सरकार के साथ कंपनी के शेयरधारक समझौते का उल्लंघन किया गया। निजीकरण की प्रक्रिया के तहत वेदांता ने 2002 में केंद्र से हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी हासिल की थी।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


लेखक के बारे में