भारत-आसियान व्यापार समझौते की समीक्षा वार्ता की गति धीमी; अगला दौर अप्रैल में संभव

भारत-आसियान व्यापार समझौते की समीक्षा वार्ता की गति धीमी; अगला दौर अप्रैल में संभव

भारत-आसियान व्यापार समझौते की समीक्षा वार्ता की गति धीमी; अगला दौर अप्रैल में संभव
Modified Date: February 23, 2025 / 02:25 pm IST
Published Date: February 23, 2025 2:25 pm IST

नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा के लिए वार्ता का अगला दौर अप्रैल में होने की उम्मीद है। हालांकि, वार्ता की गति अभी धीमी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

भारत और 10 देशों के समूह आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के बीच वस्तुओं के क्षेत्र में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर 2009 में हस्ताक्षर किए गए थे।

आसियान व्यापार समझौता जनवरी, 2010 में लागू हुआ था। अगस्त, 2023 में दोनों पक्षों ने 2025 तक माल के मामले में मौजूदा समझौते की पूरी समीक्षा करने की घोषणा की थी।

 ⁠

अधिकारी ने कहा, “बातचीत की गति धीमी है।”

आसियान एक समूह के रूप में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है, जिसकी देश के वैश्विक व्यापार में लगभग 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

समझौते की समीक्षा भारतीय उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग है और भारत एक उन्नत समझौते की उम्मीद कर रहा है जो द्विपक्षीय व्यापार में मौजूदा विषमताओं को दूर करेगा और व्यापार को अधिक संतुलित और टिकाऊ बनाएगा।

भारत इस समझौते के दुरुपयोग और बाधाओं को दूर करने के लिए समीक्षा की मांग कर रहा है।

आसियान के सदस्यों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 में 10 देशों के समूह आसियान को भारत का निर्यात 41.2 अरब डॉलर था, जबकि पिछले वित्त वर्ष में आयात कुल 80 अरब डॉलर था। भारत के वैश्विक व्यापार में आसियान का हिस्सा 10.9 प्रतिशत है।

भाषा अनुराग अजय

अजय


लेखक के बारे में