भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने के मार्ग पर अग्रसर: राष्ट्रपति मुर्मू

भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने के मार्ग पर अग्रसर: राष्ट्रपति मुर्मू

भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने के मार्ग पर अग्रसर: राष्ट्रपति मुर्मू
Modified Date: August 14, 2025 / 08:09 pm IST
Published Date: August 14, 2025 8:09 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।

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मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, महंगाई नियंत्रण में है और निर्यात बढ़ रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘विदेशी शासन के लंबे वर्षों के बाद, स्वतंत्रता के समय भारत भीषण गरीबी में था। लेकिन उसके बाद के 78 वर्षों में, हमने सभी क्षेत्रों में असाधारण प्रगति की है। भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में, भारत की उपलब्धियां और भी उल्लेखनीय हैं। पिछले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बन गया।

मुर्मू ने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव के बावजूद, घरेलू मांग तेजी से बढ़ रही है। मुद्रास्फीति काबू में है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक अर्थव्यवस्था की मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं।’’

उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर उपलब्धियों का श्रेय सूझबूझ के साथ किए गए सुधारों, कुशल आर्थिक प्रबंधन, किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दिया।

मुर्मू ने कहा, ‘‘सामाजिक क्षेत्र में किए गए उपायों के साथ चौतरफा आर्थिक वृद्धि ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर कर दिया है। अमृत काल में राष्ट्र के आगे बढ़ने के साथ, मैं देखती हूं कि हम सभी अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे रहे हैं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि बेहतर राजकाज के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। सरकार गरीबों और उन लोगों के लिए भी कल्याणकारी उपायों की एक श्रृंखला चला रही है जो गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए हैं, लेकिन अब भी असुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आय असमानता कम हो रही है। क्षेत्रीय असमानताएं भी दूर हो रही हैं। कमजोर आर्थिक प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले राज्य और क्षेत्र अब अपनी वास्तविक क्षमता दिखा रहे हैं और अग्रणी देशों के साथ कदम मिला रहे हैं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि उद्योग प्रमुखों, लघु और मझोले उद्योगों और कारोबारियों ने हमेशा ‘कुछ कर गुजरने की भावना’ का प्रदर्शन किया है। ‘‘जरूरत धन सृजन के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की थी।’’

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में बुनियादी ढांचे के विकास की बात करें तो यह साफ दिखाई देता है। इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार और भारतीय रेलवे की नई तरह की ट्रेनों और डिब्बों की शुरुआत का जिक्र किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि विशेष रूप से कश्मीर घाटी में रेल संपर्क का उद्घाटन एक बड़ी उपलब्धि है। यह व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक नीतियों की शुरुआत करेगा। कश्मीर में इंजीनियरिंग का यह चमत्कार भारत के लिए एक मील का पत्थर है।

भाषा रमण अजय

अजय


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