भारत डाक, अमेरिकी पोस्टल सर्विस के बीच सीमा शुल्क आंकड़ों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता

भारत डाक, अमेरिकी पोस्टल सर्विस के बीच सीमा शुल्क आंकड़ों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता

भारत डाक, अमेरिकी पोस्टल सर्विस के बीच सीमा शुल्क आंकड़ों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को लेकर समझौता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: October 27, 2020 4:56 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) डाक विभाग और अमेरिका की पोस्टल सर्विस इकाई (यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विस) ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच डाक के जरिये भेजे जाने वाले सामान से जुड़े सीमा शुल्क आंकड़ों को साझा करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

आधिकारिक बयान के अनुसार समझौते पर डाक विभाग के उप महानिदेशक (अंतरराष्ट्रीय संबंध और वैश्विक कारोबार) प्रणय शर्मा और अमेरिका की डाक सेवा के वैश्विक व्यापार मामलों के प्रबंध निदेशक राबर्ट एच रेन्स जूनियर ने दस्तखत किये।

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बयान के अनुसार, ‘‘समझौते से अंतरराष्ट्रीय डाक से जुड़े सामानों के उनके गंतव्यों तक पहुंचने से पहले इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ों को भेजा और प्राप्त किया जा सकेगा। इससे डाक वस्तुओं की कस्टम मंजूरी पहले से दी जा सकेगी। यह वैश्विक स्तर पर उभरती डाक व्यवस्था के अनुरूप है। इससे भरोसा और सुरक्षा के संदर्भ में डाक सेवाओं का काम-काज बहतर हो सकेगा।’’

भारत के लिये अमेरिका शीर्ष निर्यात गंतव्य है। उसकी इसमें 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह डाक चैनलों के जरिये वस्तुओं के आदान-प्रदान में भी प्रतिबिंबित होता है।

बयान के अनुसार, ‘‘पिछले साल 2019 में करीब 20 प्रतिशत एक्सप्रेस मेल सर्विस (ईएमएस) और 30 प्रतिशत पत्र तथा छोटे पैकेट भारती डाक से अमेरिका भेजे गये। वहीं अमेरिका से 60 प्रतिशत पार्सल भारती डाक ने प्राप्त किये।’’

बयान में कहा गया है कि इस पहल का मुख्य मकसद छोटे एवं बड़े निर्यातकों के लिये डाक चैनलों के जरिये निर्यात व्यवस्था को सुगम बनाना है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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