भारत, अमेरिका, पश्चिम एशिया 2025 में 100 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ेंगे; चीन बना रहेगा अग्रणी

भारत, अमेरिका, पश्चिम एशिया 2025 में 100 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ेंगे; चीन बना रहेगा अग्रणी

भारत, अमेरिका, पश्चिम एशिया 2025 में 100 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ेंगे; चीन बना रहेगा अग्रणी
Modified Date: January 23, 2025 / 04:54 pm IST
Published Date: January 23, 2025 4:54 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) भारत, अमेरिका और पश्चिम एशिया मिलकर 2025 में 100 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ सकते हैं, जबकि चीन इस क्षेत्र में अगुवा बना रहेगा।

वुड मैकेंजी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर दो वर्षों तक सौर पैनल के अधिक संख्या में उपलब्ध होने से इसकी कीमतें कम रहने के बाद इस वर्ष मॉड्यूल की कीमतों में भी वृद्धि होगी। इससे विनिर्माताओं के मुनाफे में होने वाली भारी हानि की भरपाई हो सकेगी।

अनुसंधान एवं परामर्श कंपनी वुड मैकेंजी ने कहा, ‘‘ भारत, अमेरिका और पश्चिम एशिया पूर्व के उभरते केंद्रों से वैश्विक सौर विनिर्माण क्षमता में कम से कम 100 गीगावाट की वृद्धि के आसार हैं।’’

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रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चीन प्रमुख विनिर्माण केन्द्र बना रहेगा। चीन प्रमुख मॉड्यूल घटकों के लिए वैश्विक परिचालन क्षमता के 75 प्रतिशत (1.2 टेरावाट) के साथ विश्व का सौर विनिर्माण केंद्र बना रहेगा।’’

वुड मैकेंजी ने कहा, ‘‘ भारत में डेवलपर और विनिर्माता घरेलू मॉड्यूल और ‘अपस्ट्रीम’ घटकों की उच्च लागत से जूझ रहे हैं और नीतियां परियोजना की समयसीमा तथा आर्थिक व्यवहार्यता को प्रभावित करती हैं, जिससे 2024 में देखी जाने वाली वृद्धि में बाधा आने का अनुमान है।’’

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, भारत की कुल स्वच्छ ईंधन आधारित क्षमता 20 जनवरी तक 217.62 गीगावाट के स्तर पर पहुंच गई थी।

भाषा निहारिका रमण

रमण


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