देश का चालू खाता घाटा जून तिमाही में घटकर जीडीपी का 0.2 प्रतिशत: आरबीआई

देश का चालू खाता घाटा जून तिमाही में घटकर जीडीपी का 0.2 प्रतिशत: आरबीआई

देश का चालू खाता घाटा जून तिमाही में घटकर जीडीपी का 0.2 प्रतिशत: आरबीआई
Modified Date: September 1, 2025 / 07:13 pm IST
Published Date: September 1, 2025 7:13 pm IST

मुंबई, एक सितंबर (भाषा) भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गया जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.2 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक के सोमवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

चालू खाता संतुलन में यह सुधार मुख्य रूप से सेवाओं के निर्यात का नतीजा है। पिछले वर्ष की समान तिमाही में देश का चालू खाता घाटा 8.6 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.9 प्रतिशत था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में चालू खाता 13.5 अरब डॉलर के अधिशेष में था जो जीडीपी का 1.3 प्रतिशत है।

 ⁠

पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में देश का चालू खाता घाटा 23.3 अरब डॉलर रहा जो जीडीपी का 0.6 प्रतिशत है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 26 अरब डॉलर (0.7 प्रतिशत) था।

हालांकि समीक्षाधीन तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 68.5 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 63.8 अरब डॉलर था।

वहीं, सेवाओं से शुद्ध प्राप्तियां बढ़कर 47.9 अरब डॉलर हो गईं, जो एक साल पहले 39.7 अरब डॉलर थीं।

आरबीआई के मुताबिक, जून तिमाही में व्यवसायिक सेवाओं और कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात में सालाना आधार पर अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्तीय खाते के संदर्भ में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में इस तिमाही में 5.7 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह हुआ जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 6.2 अरब डॉलर था।

वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) के रूप में 1.6 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष 0.9 अरब डॉलर था।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


लेखक के बारे में