भारत के आत्मनिर्भर अभियान को खुद को अलग-थलग करने के कदम के रूप में नहीं देखा जाए : मुंजाल

भारत के आत्मनिर्भर अभियान को खुद को अलग-थलग करने के कदम के रूप में नहीं देखा जाए : मुंजाल

  •  
  • Publish Date - January 9, 2021 / 02:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) भारत के आत्मनिर्भर अभियान को किसी भी तरीके से ‘खुद को अलग-थलग’ करने के कदम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हीरो एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कान्त मुंजाल ने शनिवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि खुद को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए भारत को अपने मानकों, कौशल के स्तर, निरंतरता और उपभोक्ताओं तथा ग्राहकों को सेवा के स्तर में सुधार करने की जरूरत है।

मुंजाल ने 25वें व्हॉटर्न इंडिया इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को यदि वैश्विक व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनना है, तो उसे एक महत्वपूर्ण निर्यातक बनना होगा। देश का उद्योग और कारोबार क्षेत्र इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने लिए तत्पर है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में दो पहलू को ध्यान में रखने की जरूरत है। ‘‘एक पहलू यह है कि भारत जो करता है, उसमें उसे बेहतर बनना है, लेकिन आत्मनिर्भर को किसी भी तरीके से देश के खुद को अलग-थलग करने के कदम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण बात है जिसे हम सभी को याद रखना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहता है। भारतीय उद्योग और भारतीय कंपनियां इसमें भूमिका निभाना चाहती हैं।’’

मुंजाल ने कहा, ‘‘हमें यह याद रखना है कि भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए हमें अपने मानक में सुधार करना होगा। हमें अपने कौशल के स्तर को सुधारना होगा। साथ ही निरंतरता तथा ग्राहकों को सेवा के स्तर में सुधार लाना होगा।’’

उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी समय उसके उत्पादों की गुणवत्ता काफी खराब थी। ‘‘उसके बाद 70 के दशक में जापान दुनिया की सबसे अच्छी विनिर्माण मशीन बन गया।’’

उन्होंने कहा कि कुछ यही ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन के साथ भी हुआ।

भाषा अजय अजय सुमन

सुमन