चीन का निर्यात ऊंचा रहने के बीच उद्योग को आयात पर नजर रखने की जरूरत: जेएसडब्ल्यू स्टील

चीन का निर्यात ऊंचा रहने के बीच उद्योग को आयात पर नजर रखने की जरूरत: जेएसडब्ल्यू स्टील

चीन का निर्यात ऊंचा रहने के बीच उद्योग को आयात पर नजर रखने की जरूरत: जेएसडब्ल्यू स्टील
Modified Date: May 29, 2025 / 07:25 pm IST
Published Date: May 29, 2025 7:25 pm IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) चीनी इस्पात का निर्यात उच्च स्तर पर बना हुआ है और भारतीय कंपनियों को सतर्क रहने की जरूरत है, हालांकि देश में आयात बुकिंग में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। जेएसडब्ल्यू स्टील के एक अधिकारी ने यह बात कही है।

निवेशक कॉल के दौरान आयात पर एक प्रश्न पर जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जयंत आचार्य ने कहा, “अगर आप तीसरी से चौथी तिमाही को देखें तो आयात में मुख्य रूप से कमी आई है। अभी तक, हम आयात बुकिंग में कोई वृद्धि नहीं देख रहे हैं, लेकिन हमें इस पर नजर रखनी होगी, क्योंकि चीनी निर्यात उच्च स्तर पर बना हुआ है।”

उन्होंने उन देशों के प्रति भी आगाह किया जिनके साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) हैं। आचार्य ने कहा कि वियतनाम, जापान और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं जिनके साथ भारत के एफटीए समझौते हैं और ये अभी भी जोखिम पैदा कर रहे हैं।

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आचार्य ने कहा, “इसलिए हम अपनी आंखें खुली रखेंगे। यह भी ध्यान रखें कि सुरक्षा शुल्क लागू हैं और अंतिम समीक्षा के अधीन हैं। इसलिए यदि आयात में वृद्धि पाई जाती है, तो अधिकारी घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई कर सकते हैं।”

व्यापार के मोर्चे पर, इस्पात का आयात 9.2 प्रतिशत बढ़कर 1.05 करोड़ टन हो गया, जबकि निर्यात 27 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ 63 लाख टन रह गया, जिसके परिणामस्वरूप भारत लगातार दूसरे वर्ष शुद्ध आयातक बना रहा।

सरकार ने स्थानीय उत्पादकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए 21 अप्रैल, 2025 से चादर आदि (फ्लैट) उत्पादों पर 12 प्रतिशत अस्थायी रक्षोपाय शुल्क लागू किया है।

उन्होंने कहा कि कुछ आयात के संबंध में पहले से ही जांच चल रही है।

जेएसडब्ल्यू स्टील एक प्रमुख इस्पात विनिर्माता है जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 3.5 करोड़ टन है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

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