उद्योग जगत ने घरेलू उत्पादन वाले कच्चे तेल के विनियमन का किया स्वागत

उद्योग जगत ने घरेलू उत्पादन वाले कच्चे तेल के विनियमन का किया स्वागत

  •  
  • Publish Date - June 30, 2022 / 05:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) उद्योग जगत ने घरेलू तेल उत्पादकों को किसी भी भारतीय रिफाइनरी को तेल बेचने की मंजूरी देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे सरकारी राजस्व बढ़ाने और अन्वेषण एवं उत्पादन में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ओएनजीसी और वेदांता जैसी तेल उत्पादक कंपनियों को स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल को किसी भी भारतीय रिफाइनरी को बेचने की अनुमति देने का फैसला किया।

वर्ष 1999 के बाद दिए गए तेल क्षेत्रों के अनुबंधों में तेल उत्पादकों को तेल बेचने की स्वतंत्रता दी गई थी लेकिन सरकार ओएनजीसी के मुंबई हाई और वेदांता के रावा जैसे पुराने तेल क्षेत्रों से उत्पादित कच्चे तेल के लिए खरीदार खुद ही तय करती थी। लेकिन इस फैसले से अब यह बंधन हट गया है।

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते कहा, ‘‘भारत के पास हाइड्रोकार्बन का विशाल भंडार है और वह सबसे कम लागत पर तेल और गैस का उत्पादन कर सकता है। इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप करों और शुल्कों को तर्कसंगत बनाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अन्वेषण एवं उत्पादन करने और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आकर्षित होंगी।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस में हम चार अरब डॉलर का निवेश करने और भारत के घरेलू हाइड्रोकार्बन उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ हालांकि उन्होंने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के एक शीर्ष अधिकारी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार के लिए खरीदारों का फैसला करने का कोई मतलब नहीं है, जब मूल्य निर्धारण पहले ही नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था।

इस फैसले के बाद ओएनजीसी अपने मुंबई हाई फील्ड से उत्पादित 1.3-1.4 करोड़ टन कच्चे तेल की नीलामी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी समेत किसी भी तेलशोधन कंपनी को कर सकती है।

ओएनजीसी को फिलहाल अपना तेल सार्वजनिक क्षेत्र की ही भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को बेचना पड़ता है। यह अपनी मैंगलोर रिफाइनरी को भी तेल नहीं बेच सकती थी।

हालांकि ओएनजीसी गुजरात, असम और पूर्वी तट जैसे अन्य स्थानों से उत्पादित कच्चे तेल की खुली नीलामी कर सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) भी ऐसा कर सकती है।

वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस को पूर्वी तट में स्थित अपने रावा क्षेत्र से तेल बेचने की आजादी मिलेगी। फिलहाल कंपनी रावा से निकला तेल सिर्फ एचपीसीएल को ही बेचती है।

हालांकि फर्म पहले से ही अपने मुख्य राजस्थान क्षेत्रों से निकलने वाला तेल सार्वजनिक एवं निजी दोनों रिफाइनरी को बेचती है।

भाषा प्रेम

प्रेम मानसी

मानसी