घरेलू पर्यटन की गति बनाये रखने के लिए बुनियादी सुविधाओं को करना होगा मजबूत: विशेषज्ञ

घरेलू पर्यटन की गति बनाये रखने के लिए बुनियादी सुविधाओं को करना होगा मजबूत: विशेषज्ञ

घरेलू पर्यटन की गति बनाये रखने के लिए बुनियादी सुविधाओं को करना होगा मजबूत: विशेषज्ञ
Modified Date: December 31, 2025 / 05:26 pm IST
Published Date: December 31, 2025 5:26 pm IST

(निहारिका)

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) भारतीय पर्यटन क्षेत्र ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद जोरदार वापसी की है। हालांकि, नए साल में घरेलू पर्यटन की गति बनाये रखने के लिए पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने, यात्रा को सुगम बनाने, बेहतर हवाई व जमीनी संपर्क मुहैया कराने जैसी सुविधाओं पर निरंतर ध्यान देने की जरूरत है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने यह बात कही।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ द टूर ऑपरेटर (आईएटीओ) के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने कहा कि 2026, पर्यटन के लिए स्थिर एवं सतत विकास का वर्ष रहने साबित हो सकता है। खासतौर पर घरेलू पर्यटन के लिए जहां विभिन्न सरकारी उपायों के माध्यम से विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ घरेलू पर्यटकों के लिए, देश को अपनी विरासत, संस्कृति, आध्यात्मिकता एवं स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं से मजबूत लाभ प्राप्त है। हालांकि इसके लिए आवश्यक होगा कि विकास यात्रा को सुगम बनाने, बेहतर हवाई व जमीनी संपर्क आदि सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर निरंतर ध्यान दिया जाए।’’

गोसाईं ने साथ ही कहा कि इसके अलावा सही प्रचार और पारंपरिक पर्यटन क्षेत्रों से जुड़े पहलुओं से लोगों को अवगत करना महत्वपूर्ण होगा।

पयर्टन क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु तलवार ने कहा कि 2026 के लिए भारत का पर्यटन परिदृश्य व्यावहारिक और अवसरों से भरपूर है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार के आंकड़ों से पता चलता कि पर्यटन क्षेत्र ने मजबूती से वापसी की है। विदेशी पर्यटकों के आगमन और विदेशी मुद्रा आय में मजबूत वृद्धि दर्ज की है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार में पर्यटन के प्रमुख योगदान की पुष्टि करता है।’’

तलवार ने कहा कि हालांकि घरेलू पर्यटन 2026 में भी इस क्षेत्र की रीढ़ बना रहेगा और वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने में सहायक होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ ‘स्वदेश दर्शन 2.0’, ‘प्रसाद’, ‘देखो अपना देश’ जैसी पहल और सतत एवं जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने से मात्रा-आधारित वृद्धि से मूल्य-आधारित पर्यटन की ओर बदलाव का संकेत मिलता है। ’’

‘स्वदेश दर्शन 2.0’ भारत सरकार की एक प्रमुख पर्यटन विकास योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में विषय आधारित और टिकाऊ पर्यटन स्थलों का विकास करना है। इसमें बुनियादी ढांचे के साथ-साथ अनुभवात्मक पर्यटन, स्थानीय संस्कृति, हस्तशिल्प, खान-पान और समुदाय की भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया है। इसका लक्ष्य पर्यटन को रोजगार सृजन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय संतुलन का मजबूत माध्यम बनाना है।

‘प्रसाद’ यानी ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान का उद्देश्य देश के प्रमुख धार्मिक और तीर्थ स्थलों का समग्र विकास करना है। यह योजना आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय विकास को भी गति देती है।

‘देखो अपना देश’ अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक जन-आंदोलन है, जिसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को देश के भीतर ही विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए प्रेरित करना है। इसके जरिये भारत की सांस्कृतिक विविधता, प्राकृतिक सुंदरता और विरासत को उजागर किया जाता है। खासतौर पर युवाओं और छात्रों को देश के अनदेखे गंतव्यों से जोड़ने पर इसमें जोर दिया गया है।

तलवार ने कहा कि इन तमाम योजनाओं के जरिये घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन में भी क्षेत्र का योगदान बढ़ेगा।

विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में पर्यटन से करीब आठ करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कुल रोजगार का लगभग 12 से 13 प्रतिशत है।

आईएटीओ के अध्यक्ष ने व्यवसाय के दृष्टिकोण पर कहा कि यह क्षेत्र अधिक संगठित, प्रौद्योगिकी-संचालित और ग्राहक-केंद्रित होता जा रहा है। ‘वेलनेस टूरिज्म’, ‘एडवेंचर ट्रैवल’, ‘हेरिटेज सर्किट’ और ‘लग्जरी एक्सपीरियंस’ जैसे नए यात्रा रुझान उभरने से ‘इनोवेटिव ट्रैवल बिजनेस’ के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुल रहे हैं।

भाषा निहारिका रमण

निहारिका


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