एनपीएस के अन्य पक्षों के लिए लागू की जा सकती एकीकृत पेंशन योजना: सचिव नागराजू

एनपीएस के अन्य पक्षों के लिए लागू की जा सकती एकीकृत पेंशन योजना: सचिव नागराजू

एनपीएस के अन्य पक्षों के लिए लागू की जा सकती एकीकृत पेंशन योजना: सचिव नागराजू
Modified Date: April 3, 2025 / 04:24 pm IST
Published Date: April 3, 2025 4:24 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत अन्य संबंधित पक्षों के लिए भी लागू की जा सकती है।

यूपीएस में 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन पर 50 प्रतिशत पेंशन की व्यवस्था की गयी है।

नागराजू ने कहा कि एनपीएस देश में एक मजबूत सेवानिवृत्ति बचत व्यवस्था के रूप में उभरी है। इसके प्रबंधन के तहत बढ़ती संपत्ति और ग्राहक आधार इस योजना में लोगों के भरोसे को दर्शाता है।

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सरकार ने हाल ही में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली के तहत यूपीएस की शुरुआत की है। यह योजना एक अप्रैल से प्रभावी है।

सचिव ने पेंशन नियामक पीएफआरडीए और भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद द्वारा यहां पेंशन पर आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय शोध सम्मेलन में कहा कि यूपीएस एक अनूठी अंशदायी लेकिन परिभाषित लाभ योजना है जो महंगाई राहत के जरिये मुद्रास्फीति के प्रभाव के साथ सेवानिवृत्ति पर पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन की सुविधा देती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि भारत सरकार के कर्मचारियों के लिए इस वर्ष एक अप्रैल से शुरू की गई इस योजना के क्रियान्वयन से देश में अन्य पक्षों के लिए समान स्तर और मांग को पूरा करने की क्षमता का निर्माण होगा।’’

नागराजू ने बजट घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने नियामकीय समन्वय और पेंशन उत्पादों के विकास के लिए एक मंच स्थापित करने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि व्यापक स्तर पर, मंच पेंशन दायरा बढ़ाने, विशेष रूप से गिग कर्मचारी, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों और समाज के वंचित वर्गों के लिए पेंशन समावेश का विस्तार करने की रणनीतियों की पहचान करने के साथ वित्तीय स्थिरता, पेंशन लाभ की पर्याप्तता और सभी के लिए सेवानिवृत्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर सार्वभौमिक पेंशन प्रणाली की संभावनाओं का पता लगाने जैसे उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करेगा।’’

नागराजू ने कहा कि प्रगति के बावजूद, भारत में पेंशन बचत अन्य उभरती और ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है, जहां पेंशन परिसंपत्तियां जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 80 प्रतिशत से अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में पेंशन परिसंपत्तियां जीडीपी का केवल 17 प्रतिशत हैं।

कार्यक्रम में पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन दीपक मोहंती ने कहा कि देश में बेहतर पेंशन कवरेज की आवश्यकता ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ है क्योंकि वृद्धावस्था कवरेज की कमी अंततः राजकोषीय दबाव का कारण बनती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए पेंशन का दायरा बढ़ाना न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि देश के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।’’

भाषा रमण अजय

अजय


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