ईरान ने यूएन प्रतिबंधों को बहाल करने की अमेरिकी कोशिश को खारिज किया, स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट | Iran rejects U.S. attempt to reinstate UN sanctions, drastically decline local currency

ईरान ने यूएन प्रतिबंधों को बहाल करने की अमेरिकी कोशिश को खारिज किया, स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट

ईरान ने यूएन प्रतिबंधों को बहाल करने की अमेरिकी कोशिश को खारिज किया, स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट

ईरान ने यूएन प्रतिबंधों को बहाल करने की अमेरिकी कोशिश को खारिज किया, स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: September 21, 2020 8:41 am IST

तेहरान (ईरान), 21 सितंबर (एपी) ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल कराने के अमेरिकी प्रयासों को खारिज किया है। वाशिंगटन से बढ़े आर्थिक दबाव की वजह से ईरान की स्थानीय मुद्रा रविवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गयी।

ईरान की मुद्रा रियाल की कीमत एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेहरान में मुद्रा विनिमय की दुकानों पर घटकर 2,72,500 पर रह गई। जून से अब तक डॉलर के मुकाबले रियाल के मूल्य में 30 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से ईरान वैश्विक स्तर पर अपना तेल बेचने में समर्थ नहीं है।

साल 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ ईरान के समझौते के समय एक डॉलर 32,000 रियाल के बराबर था। इस समझौते पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन ने हस्ताक्षर किया था लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया।

मुद्रा की कीमत गिरने के साथ ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप प्रशासन के शनिवार की घोषणा की निंदा की है, जिसमें कहा गया था कि ईरान के खिलाफ लगे संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंध दोबारा लागू किये जा रहे हैं क्योंकि ईरान परमाणु समझौते का पालन नहीं कर रहा है।

रूहानी ने रविवार को मंत्रिमंडल की एक बैठक में कहा, ” अगर अमेरिका धौंस दिखा रहा है…और अगर वाकई व्यवहार में ऐसा कुछ करता है तो उसे हमारी कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा।”

रूहानी ने कहा कि अगर समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले बाकी सदस्य अपने दायित्वों को निभाते हैं तो ईरान इस समझौते से अलग हो जाएगा क्योंकि ईरान के लिए तेल बेचना प्रमुख चिंता है।

प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के अमेरिका के कदम को दुनिया के ज्यादातर देशों ने अवैध बताया है और इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक से पहले इस वैश्विक निकाय में जबर्दस्त जोर-आजमाइश के आसार पैदा हो गये हैं।

एपी स्नेहा दिलीप शाहिद पाण्डेय

पाण्डेय

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